मनुष्य के जीवन में हर तरह की हर समस्या का कारण कृत्रिम जीवन पद्धति है ! जो हमें वैष्णव जीवन शैली से प्राप्त हुई है ! आज साम्राज्यवादी सोच भी इसी कृत्रिम जीवन पद्धति का विकसित रूप है !
कृत्रिम जीवन पद्धति में सबसे बड़ा दुर्गुण यह है कि इसमें संचय को ही विकास का आधार माना जाता है, जबकि किसी भी व्यक्ति के विकसित होने की पहचान उसका विकसित मानसिक स्तर है ! किंतु वाह्य आडंबर को विकास मनाने के कारण जिस व्यक्ति के पास जितना बड़ा मकान, जितनी बड़ी गाड़ी, जितना अधिक पैसा है, वह व्यक्ति समाज में उतनी अधिक प्रतिष्ठा प्राप्त करता है ! भले ही यह सब धोखाधड़ी और मक्कारी के रास्ते से प्राप्त किया गया हो !
ऐसे व्यक्ति जो प्रकृति की व्यवस्था के विपरीत चलकर इस तरह का संग्रह करते हैं, उन्हें प्रकृति भी कभी माफ नहीं करती है ! इसीलिए प्राय: ऐसे व्यक्ति या तो गंभीर बीमारियों में उलझ जाते हैं या कानूनी परिस्थितियों में ! बहुतों का तो जीवन ही जेल में कटता है !
इसके विपरीत शैव जीवन शैली जो अत्यंत सहज है, जिसमें न तो कोई आडंबर है और न ही कोई अहंकार है ! इस जीवन शैली को जीने के लिए किसी वाह्य संग्रह की आवश्यकता भी नहीं है ! सब कुछ प्रकृति के द्वारा सहज ही उपलब्ध है !
ऐसी स्थिति में यदि कोई व्यक्ति आडंबर युक्त जीवन शैली को छोड़कर प्राकृतिक सरल और सहज जीवन शैली को अपनाता है, तो उसे ईश्वर से वरदान के रूप में स्वस्थ शरीर और विकसित मन प्राप्त होता है ! जीवन में सफलता का यही दो आधार है ! यदि आपका शरीर स्वस्थ है और मन विकासशील है, तो आपको इस दुनिया में कोई नहीं हरा सकता है !
हमारे पूर्वज इसीलिए “सादा जीवन और उच्च विचार” पर बल देते थे किंतु आधुनिकता के कारण आज हम दिग्भ्रमित हो गए हैं !
इसलिये सनातन ज्ञान पीठ के संस्थापक श्री योगेश कुमार मिश्र ने वैश्विक शैव ग्राम की स्थापना करके 21वी सदी का सबसे बड़ा बौद्धिक आंदोलन स्थापित किया है ! जिससे पूरी दुनिया को प्रतिस्पर्धा और तनाव से दूर रख कर प्राकृतिक अवस्था में जीने की कला सिखाई जा रही है !
यही मनुष्य का मूल स्वभाव है ! आज दुनिया में सभी परेशानियां अनावश्यक की मानसिक प्रतिस्पर्धा के कारण है ! यही हमारे हजार रोगों का कारण है ! ऐसी अवस्था में व्यक्ति यदि प्रकृति के निकट पूर्ण स्वस्थ अवस्था में जीवन यापन करता है, तो वह अपनी हर दैहिक, दैविक, भौतिक समस्या का समाधान स्वयं ही ढूंढ सकता है !
इसके लिए उसे किसी भगवान, देवी-देवता, गुरु की आवश्यकता नहीं है ! वह अपनी हर समस्या का समाधान अपनी मानसिक शक्तियों से कर सकता है ! इसका विशेष प्रशिक्षण सनातन ज्ञान पीठ में व्यावहारिक रूप से पिछले दो वर्षों से दिया जा रहा है ! जिससे सैकड़ों लोगों ने लाभ हुआ है !
आप भी सनातन ज्ञान पीठ द्वारा पुन: स्थापित “शैव जीवन शैली” से जुड़ कर अपने जीवन को सहज विकासशील बनाइये !!