आखिर शाकाहारियों को मांसाहारी क्यों बनाया जा रहा है ! : Yogesh Mishra

अक्सर लोगों से पूछा जाता है कि क्या आप शाकाहारी है तो लोग बड़ी शालीनता से जवाब देते कि “हां मैं शुद्ध शाकाहारी हूं” ! किन्तु मुझे बहुत दुख से यह बतलाना पड़ रहा है कि यदि आप बाजार से पैकेज्ड नूडल्स, पाश्ता, पिज्जा, बिस्किट, चिप्स, चॉकलेट, सूप, च्यूइंग गम इत्यादि चीजें खाने के लिये खरीद रहे हैं ! तो जान लीजिये कि आप शाकाहारी नहीं हैं !

इस सत्य को जानने के लिये इन उत्पादों के रैपर पर लिखे “इंग्रीडिएंट्स” में ई-कोडिंग की भी एक बार जांच कर लें ! चूंकि इन खाने के पैकेटो पर शाकाहारी होने का हरा निशान होने के बाद आप निश्चिंत रूप से जान लें कि इन चीजों में मांसाहारी तत्व मिले हुए होते हैं ! मैगी विवाद के बाद दैनिक भास्कर डॉट कॉम ने ई-कोडिंग की पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आयी !

शाकाहारियों से जुड़ी प्रमुख बेवसाइट veggieglobal.com के अनुसार इन ई-कोडिंग में जानवरों की चर्बी इत्यादि का इस्तेमाल होता है ! बेवसाइट के मुताबिक इन प्रॉडक्ट्स में यह “फैट इमल्सीफायर” (घोल) के तौर पर मिलाया जा रहा है ! लोगों को आसानी से इसका पता न चले इसके लिये कंपनियों ने यूरोप की तर्ज पर इसे भी ई-कोडिंग के जरिये पैकेट पर लिखा हुआ है !

इन आयटम के पैकेट पर लिखे विवरण में यह ई-कोड आप आसानी से देख सकते हैं ! यह ई-कोडिंग किन तत्वों से बनाए जाते हैं या इनमें क्या क्या होता है ! इसका उल्लेख कही भी ही नहीं है ! इसलिये बेवसाइट की जुटाई जानकारियों और पड़ताल के मुताबिक यह ई-कोड्स जानवरों के अलग-अलग अंगों से प्राप्त किये होते हैं !
आइए बताते हैं कि किस नम्बर का मतलब क्या है या किस प्रोडक्ट पर क्या होता है ! कोड:-

. बिस्किट – E 471, E 322, E 481,E 332
.टॉफी – E 471, E 481
. मैंगो जूस – E 471, E 322, E 481
. चॉकलेट – E 471, E 476, E 442
. मिल्क पाउडर – E 471, E 322
. नूडल्स – E 631, E 627
. पिज्जा – E-631
. इन कोड्स में होते हैं यह तत्व

. E 322 – गाय का मांस

. E 422 – अल्कोहल तत्व

.E 442 – अल्कोहल तत्व ओर केमिकल

. E 471 – गाय का मास ओर अलकोहल तत्व

.E 476 – अलकोहल तत्व

.E 481 – गाय और सुअर के मांस के संघटक

. E 627 – घातक केमिकल

. E 472 – गाय + सुअर + बकरी के मांस के संघटक

. E 631 सुअर की चर्बी का तेल

इन ई-कोडिंग में मिलाये जाने वाली तत्वों की जानकारी veggieglobal.com के अनुसार है ! असल में यह सब सनातन हिन्दू शाकाहारियों को मांसाहारी बनाने के लिये एक षड्यंत्र के तहत हो रहा है ! जिसमें यह सभी विदेशी कंपनियां बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं और ऐसा नहीं है कि यह षड्यंत्र अभी से हो रहा है यह षड्यंत्र अंग्रेजों के आने से ही शुरू हुआ था !

अंग्रेजों को हमारे देश का गौ मांस पसंद है इसलिये हमारे देश से गौ मांस निर्यात किया जाता है ! जिसके लिये पोंड में भुगतान करने की आवश्यकता होती है ! किंतु अंग्रेज व्यापारी भारत को कोई भी पैसा नहीं देना चाहते हैं ! अतः वह भारत से भेजे गये गौ मांस के बदले भारत को अपनी उत्पादित खाद्य सामग्री भेजना चाहते हैं और उसने भी मोटा लाभ कमाना चाहते हैं !

इस नियत से वह लोग भारत में जो खाद्य पदार्थ भेजते हैं ! वह मांसाहारी होता है किंतु शिथिल कानूनी व्यवस्था के कारण उनको शाकाहारी बतला कर मार्केट में बेचा जाता है और अज्ञानता वश शुद्ध शाकाहारी सनातन हिंदू धर्म ही लोग उन मांसाहारी पदार्थों का भोजन के रूप में प्रयोग कर लेते हैं !

जिस से भारतीयों को बेवकूफ बनाकर अपना यह मांसाहारी सामान बेच कर हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट कर रहे हैं और इसके हमारे ऊपर क्या प्रभाव होंगे वह तो मैं आपको अगली पोस्ट में बताऊंगा कि कैसे जी.एम.ओ. फूड खिला खिला कर विदेशी कंपनियां हमारे जीन में परिवर्तन कर रहे हैं और हम सब सो रहे हैं ! यह सब एक एजेंडे के तहत हो रहा है ! नई विश्व व्यवस्था जो बनानी है इन लोगों को 2050 तक !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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