दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत नित्यानंद, कांची पीठ के शंकराचार्य, आसा राम बापू और राम रहीम सच्चा डेरा प्रमुख की घटनाओं को देखते हुये मैंने वर्ष 2017 में यह घोषित कर दिया था कि अगले 5 साल में ईसाई समाज के बढ़ते प्रभाव के कारण गायत्री परिवार पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं किंतु उस वक्त लोगों ने मेरा बहुत उपहास उड़ाया था ! आज वह घटना अब सबके सामने खुले रूप में स्पष्ट है !
दिनांक दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है कि विश्व व्यापी गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज में कई सालों तक एक युवती का बलात्कार होता रहा ! इस युवती के आरोप कितने सत्य है , यह तो पुलिस जांच-अदालत में तय होगा ! लेकिन बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों के चलते शांतिकुंज हरिद्वार में खलबली मची हुई है ! यही नहीं उत्तराखंड सरकार भी पीड़ित लड़की के आरोपों को लेकर सकते में है !
दरअसल छत्तीसगढ़ की एक युवती ने दुष्कर्म के मामले में शांतिकुंज के एक चिकित्सक और उनकी पत्नी के खिलाफ दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है ! मुकदमा दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले को हरिद्वार पुलिस को सौंप दिया है ! अब इस मामले की जांच हरिद्वार कोतवाली पुलिस करेगी! शांतिकुंज आश्रम के प्रमुख और पंडित श्रीराम शर्मा के दामाद डॉ. प्रणव पांड्या पर यह सनसनीखेज आरोप लगा है !
छत्तीसगढ़ की एक लड़की ने डॉ. प्रणव पांड्या पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है ! पीड़िता ने इस मामले में डॉ. पांड्या की पत्नी शैलजा को नामजद करते हुये दिल्ली के विवेक विहार पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई गयी है !
दरअसल इसकी शुरुआत शाह बानो केस से हुई ! जब एक 62 वर्षीय मुसलमान महिला जो पाँच बच्चों की माँ थीं जिसे उसके पति ने 1978 में तालाक दे दिया था ! जिस पर उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि शाह बानो को निर्वाह-व्यय दिया जाये ! जो इस्लाम के सिद्दांतों के खिलाफ था !
जिस पर भारत के रूढ़िवादी मुसलमानों ने यह निर्णय अपनी संस्कृति और विधानों पर अनाधिकार हस्तक्षेप माना और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद में लाकर यह निर्णय पलट दिया ! जिसे उस समय “धर्म-निरपेक्षता” का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण कहा गया ! जिसमें शाहबानो प्रकरण पर मुसलमानों के साथ हजारों ईसाई भी उनके पीछे आकर जमा हो गये !
जिस पर नवम्बर 1999 में पोप जान पाल-द्वितीय महाशय भारत आये और उन्होंने यहां आकर भारत की राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में घोषणा की कि (भारत में) अगली शताब्दी का हमारी होगी ! जिस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं कुछ अन्य हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध किया था !
उस समय में डॉ बनवारी लाल शर्मा के नेतृत्व में चल रहे “आजादी बचाओ आंदोलन” में सक्रिय रुप से कार्य कर रहा था ! मेरे साथ राजीव दीक्षित भी थे ! जब यह सूचना मुझे मिली तो मैं समझ गया कि अब आने वाले वर्षों में बहुत तेजी से भारत में धर्मांतरण होगा और जो बड़े-बड़े हिंदू संगठन हैं ! जिनके अनुयायियों की संख्या बहुत ज्यादा है अर्थात जो इस धर्मांतरण में अवरोधक बनेंगे ! उनके प्रमुखों की या तो हत्या कर दी जायेगी या फिर उन्हें किसी फर्जी आरोप में जेल में बंद कर दिया जायेगा और न्यायालय में उन्हें न्याय भी नहीं मिलेगा !
आज सब कुछ वही हो रहा है ! भारत के अंदर जितने भी बड़े हिंदू विचार धारा के अनुयायियों को संगठित करने वाले धार्मिक संगठन हैं ! उन पर एक के बाद एक हमला हो रहा है और इन सभी संगठनों के प्रमुखों को बस सिर्फ एक मात्र बलात्कार का आरोप लगाकर उन्हें जेलों में डाला जा रहा है ! जहाँ उनकी कोई सुनवाई नहीं है ! जिससे हिन्दुओं का धर्मान्तरण करवाया जा सके !
किसी भी न्यायालय में भी उनकी कोई भी सुनवाई नहीं है ! यह इन विधर्मियों को राजनैतिक प्रोत्साहित करने का एक तरीका है ! जिसके लिये विदेशी षडयंत्रकारी पूंजीपतियों से राजनैतिक दलों को चन्दा आता है और सत्ता में हिंदुत्व के नाम पर बैठे हुये राजनेताओं की भी इस सब में मिलीभगत है !
जबकि सनातन धर्म पर निरंतर होने वाले इस तरह के हमलों की गहरी जांच होनी चाहिये तथा इस षड्यंत्र में जो राजनीतिक व्यक्ति शामिल हैं ! उनके विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही होनी चाहिये ! लेकिन यह सब करेगा कौन ?
आज तो देश और धर्म दोनों से ऊपर व्यक्ति का लालच और कुर्सी है ! ऐसी स्थिति में एक के बाद एक निरंतर इसी तरह से सनातन हिंदू धर्म पर हमले होते रहेंगे और हम हिन्दू लाचार बेबस उन्हें देखते रहेंगे और कहीं न कहीं इस तरह के हमलों में शामिल राजनेताओं का झंडा उठाकर उनकी जय-जयकार करते रहेंगे !!