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वैष्णव दो तरह के होते हैं : Yogesh Mishra

वैष्णव दो तरह के होते हैं ! एक अर्ध वैष्णव, दूसरे पूर्ण वैष्णव ! अर्ध वैष्णव से तात्पर्य ऐसे वैष्णव लोगों से है, जो मठ मंदिरों के मुखिया हैं ! कथावाचक हैं या महंगे कर्मकांडी ब्राह्मण हैं ! प्राय: यह लो पूरी दुनिया को ईश्वर के महत्व को बताते हुए …

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स्वर साधना से आयु कैसे बढ़ती है : Yogesh Mishra

आपने प्राय: देखा होगा कि संगीत में स्वर साधना करने वाले शास्त्रीय संगीत गायकों की आयु सामान्य व्यक्तियों से अधिक लंबी होती है ! साथ ही स्वर साधना करने वाले संगीतज्ञ अपने हम उम्र अन्य लोगों के मुकाबले अधिक स्वस्थ रहते हैं ! इसका कारण उनके द्वारा सही तरह से …

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भारतीयों के दरिद्रता का माइंड सेट : Yogesh Mishra

यह भारतीयों का दुर्भाग्य रहा है कि भारत के प्राकृतिक रूप से संसाधन संपन्न होने के बाद भी भारतीय लोग स्व प्रेरणा से अपने को कभी संपन्न नहीं बना चाहे हैं ! कुछ दूरदर्शी राजाओं के शासनकाल को यदि छोड़ दिया जाये तो भारत सदियों से विज्ञान विरोधी और संपन्नता …

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हिन्दू धर्म ग्रंथों के अध्ययन से हमें शान्ति और मोक्ष क्यों नहीं मिलता है : Yogesh Mishra

अब आज के समय का विज्ञान भी मानता है कि आधुनिक मानव यानि होमो सेपियंस यानि हम लोग इस धरती पर सबसे पहले अफ्रीका क्षेत्र में 3,00,000 साल पहले दिखाई दिये थे ! जिन्हें हम प्रकृति प्रिय शैव संस्कृति का अनुयायी कह सकते हैं ! लेकिन इनसे भी 1,00,000 साल …

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हिंदुत्व खतरे में है की परिभाषा क्या है : Yogesh Mishra

यह बहुत गंभीर बात है की किन विषयों से हिंदुत्व खतरे में आ जाता है और कब हिंदुत्व को खतरा खत्म हो जाता है, इसे आज तक न तो किसी धर्म ग्रंथ में परिभाषित किया गया और न ही किसी विद्वान द्वारा इसे परिभाषित करने का प्रयास किया गया ! …

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रावण दहन हिंदुओं की क्षद्म हिंसा : Yogesh Mishra

आज दशहरा को करोड़ों हिंदू रावण का पुतला जलाने जाएंगे ! अब तो मैं देखता हूं कि सड़कों के किनारे 50- 50 रुपए में रावण के छोटे पुतले भी मिलने लगे हैं ! जिसे ए.सी. कार में बैठे हुए लोग अपने पारिवारिक मनोरंजन के लिए घर जलाने के लिए ले …

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राजा जनक के तीन शाश्वत प्रश्न : Yogesh Mishra

राजा जनक ने ब्राह्मण पुत्र अष्टावक्र से आत्मकल्याण के लिये तीन मौलिक प्रश्न किये ! 1. ज्ञान कैसे प्राप्त होता है? 2. मुक्ति कैसे होगी? और 3. वैराग्य कैसे प्राप्त होगा? और यह तीनों प्रश्न ही समस्त अध्यात्म का सार है ! अर्थात कहने का तात्पर्य है कि आज चार …

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अष्टावक्र गीता का सार : Yogesh Mishra

“अष्टावक्र गीता” का आरंभ राजा जनक द्वारा पूछे गये तीन प्रश्नों से होता है ! 1. ज्ञान कैसे होता है ? 2. मुक्ति कैसे होती है ? 3. वैराग्य कैसे होता है ? सभी आध्यात्मिक व्यक्तियों के अनादि काल से यही तीन मौलिक प्रश्न हैं अर्थात संपूर्ण अध्यात्म का सार …

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दो दुर्गा के साक्षात् दर्शन : Yogesh Mishra

आज मैं अपने परिवार के साथ लखनऊ के सबसे विकसित देवी दुर्गा पूजन के पंडाल पर माता के दर्शन करने गया था ! वहां संयोग से दो दुर्गा के दर्शन हुये ! एक तो देवी मां के रूप में विराजमान मिट्टी की मूर्ति ! जिसे विभिन्न सुंदर वस्त्र, आभूषण आदि …

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जीवन में शक्ति उपासना का महत्व : Yogesh Mishra

इस संसार में शिव उपासकों के अतिरिक्त जितने भी महापुरुष हुये हैं, उनमें अधिकांशत: शक्ति उपासक ही रहे हैं ! फिर चाहे वह राम, कृष्ण, अर्जुन, युधिष्ठिर, भीष्म पितामह, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शिवाजी आदि कोई भी क्यों न हों ! वैदिक संहिताओं में भी शक्ति की साधना मातृ रूप में की …

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