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मर्डर ऑफ गॉड : Yogesh Mishra

भारतीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया जो कि एक प्रबल दार्शनिक ही नहीं, अच्छे चिंतक और विचारक भी हैं ! इन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि हिंदू समाज के विनाश का कारण हिंदुओं के अवतारवाद की अवधारणा है ! ऐसा ही निष्कर्ष आज से लगभग 100 साल पहले जर्मन के एक …

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प्रजनन से मनुष्य को मुक्ति : Yogesh Mishra

एक्टोलाइफ प्रजनन कम्पनी कृतिम पध्यति से प्रति वर्ष 30,000 मन चाहे बच्चे पैदा कर सकती है ! इस समय कंपनी के पास 75 लैब हैं जिन्हें जल्द ही 200 से अधिक बना लिया जायेगा ! इस पूरे कॉन्सेप्ट की शुरुआत करने वाले वैज्ञानिक “हासिम अल गायली” ने फेसबुक पर एक …

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नॉलेज और विजडम में अंतर : Yogesh Mishra

नॉलेज का सामान्य अर्थ सूचना की जानकारी होना है और विजडम का तात्पर्य सूचना के संदर्भ में विवेक पूर्ण अनुभूति होना है ! नॉलेज सामान्य सूचना प्राप्ति और मस्तिष्क का विषय है ! जबकि विजडम आंख, नाक, कान, मस्तिष्क, के अतिरिक्त अनुभूति और विवेक पूर्ण चिंतन का भी विषय है …

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भारत के सर्वनाश की नई दास्तान : Yogesh Mishra

समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं कि जिनका काम ही दूसरों की आलोचना करना होता है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए कि चाहे कोई सामाजिक कार्यकर्ता हो, उद्योगपति हो, धार्मिक व्यक्ति हो, या अपने जीवन निर्वाह के लिए कड़ी मेहनत करने वाला मजदूर हो, यह वर्ग सदैव हर …

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रामचरितमानस का हिन्दुओं के लिये महत्व : Yogesh Mishra

रामचरितमानस का निर्माण भारतीय सनातन संस्कृति के विकट संघर्ष काल में हुआ है ! उस समय लंबे समय तक भारत में मुगलों का शासन था ! जिन्होंने छल और बल दोनों तरीके से भारतीय संस्कृति को नष्ट करके अपनी इस्लामिक संस्कृति का विस्तार करने के लिये अनेक षड्यंत्र रचे थे …

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क्या हनुमान जी की गदा काल्पनिक है : Yogesh Mishra

हनुमान ने अपने पराक्रम से एक लाख किंकर, अकंपान, जंबुमाली, अक्षय, देवांतक, तृषिरा, ध्रुमराक्स, कालनेमि, अहिरावण, महिरावण, सिम्हिका का वध और रावण, इंद्रजीत, लंकिनी को परास्त करने के साथ साथ कुंभकरण को घायल कर दिया था ! पर उन्होंने बाल्मीकि रामायण के अनुसार कहीं भी गदा का प्रयोग नहीं किया …

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मानवीय संस्कृति का आधार कैलाश पर्वत है : Yogesh Mishra

मानवता के इतिहास की शुरुआत बन्दर से नहीं बल्कि कैलाश पर्वत से होती है ! जो कि शैवों का पवित्र स्थल है ! कैलाश पर्वत का ग्लेशियर ही एशिया में अनादि काल से सभी महत्वपूर्ण नदियों का स्रोत रहा है ! इसी के किनारे मानवता की कई अनेक सभ्यताएँ फली-फूलीं …

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दुनिया के सारे दर्शन वेदों से ही क्यों निकले हैं : Yogesh Mishra

न्याय दर्शन कहते हैं कि वेदों की रचना ईश्वर ने की है ! क्योंकि यह मानवीय नहीं हो सकते हैं ! सांख्य दर्शन कहा कि वेदों की रचना ईश्वर ने भी नहीं की है ! वेद प्राकृतिक हैं ! प्रकृति का मतलब जिसकी रचना किसी ने नहीं की है ! …

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स्वयं से संवाद की कला : Yogesh Mishra

स्वयं से संवाद सनातन जीवन शैली का मूल आधार है ! जो व्यक्ति स्वयं से संवाद करना नहीं जानता वह कभी भी न तो संसार में सफल हो सकता है और न ही मृत्यु के उपरांत मुक्ति को प्राप्त कर सकता है ! क्योंकि “स्व”यं 2 शब्दों से मिलकर बना …

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जीने की चाहत में मौत : Yogesh Mishra

शरीर के दो हिस्से है एक दिल और दूसरा दिमाग ! इन्हीं दोनों के सामंजस्य से शरीर चलता है ! यदि इनका सामंजस्य बिगाड़ जाये तो पहले तो शरीर बीमार पड़ता है, फिर नष्ट हो जाता है ! अर्थात मनुष्य की मृत्यु हो जाती है ! अमेरिका से प्रकाशित होने …

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