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इस संसार में भगवान किसी का सहायक नहीं है : Yogesh Mishra

सभी वैष्णव धर्म शास्त्र कहते हैं कि ईश्वर के भरोसे जीवन नैया सकुशल पार हो जाती है लेकिन व्यवहारिकता की कसौटी पर कसने पर ऐसा पता चलता है कि ईश्वर का भरोसा एक अलग विषय है और संसार का लोक व्यवहार एक दूसरा विषय है ! प्राय: देखा गया है …

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भगवान का दर्शन बहुत आसान है : Yogesh Mishra

भगवान का दर्शन बहुत आसान है, बस व्यक्ति का चित्त कमजोर होना चाहिये ! इसीलिए वैष्णव भक्त लोग लंबे उपवास करके चित्त को कमजोर बना लेते हैं ! जिससे कि वह शास्त्रों के अनुरूप जो भी कल्पना कर चुके हैं उसे वह अनुभूत कर सकें ! लंबे उपवासों से व्यक्ति …

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गाँधी का धर्मांतरण, मुसलमान था गाँधी ? : Yogesh Mishra

महात्मा गांधी का बड़ा बेटा हरिलाल गाँधी 27 जून 1936 को नागपुर में इस्लाम कबूल करके मुसलमान बन गया था और 29 जून 1936 को उसने मुंबई में इसकी सार्वजनिक घोषणा की थी कि वह अब हरिलाल गांधी नहीं बल्कि अब्दुल्लाह गांधी है ! 1 जुलाई 1936 को जकारिया ने …

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आधुनिक शिक्षा जगत में डिजिटल एजुकेशन का षड्यंत्र : Yogesh Mishra

आज भारत में नई शिक्षा नीति लागू हो जाने के साथ ही शिक्षा जगत में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि अब बच्चों को 40% शिक्षा आधुनिक डिजिटल संसाधनों से दी जायेगी, जो धीरे-धीरे आगामी 10 वर्षों में शत प्रतिशत डिजिटल एजुकेशन की ओर चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी …

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ओशो भविष्य का धर्म गुरु : Yogesh Mishra

हर महापुरुष वक्त से पहले पैदा हुआ इंसान होता है ! यह किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं बनाया जा सकता है ! जिन व्यक्तियों में ईश्वर द्वारा भविष्य देखने का सामर्थ होता है और उस भविष्य को सरल शब्दों में समाज के सामने रखने का गुण होता है, वही व्यक्ति …

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चीन के राष्ट्रवादी की कम्युनिस्ट यात्रा : Yogesh Mishra

1911 में चीन में एक राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक क्रांति हुई और किंग राजवंश को उखाड़ फेंका गया और उसके स्थान पर चीन एक गणतंत्र के रूप में जाना गया ! शिन्हाई विकास, जैसा कि इसे कहा जाता था ! चीन में नए प्रकार की सरकार की स्थापना में इसका महत्वपूर्ण योगदान …

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विश्व सत्ता के छद्म ऊर्जा युद्ध की तैय्यारी : Yogesh Mishra

इसी पृथ्वी के किसी कोने में अपने साम्राज्य विस्तार के लिए अदृश्य सैनिकों द्वारा चयनित व्यक्तियों को छद्म ऊर्जा युद्ध द्वारा खत्म करने की तैयारी चल रही है ! जिससे भविष्य में एलियन हमला कहा जाएगा ! इस हमले में हमलावर सैनिक दिखलाई नहीं देगा और न ही उसके द्वारा …

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आत्मविकास से कतराता समाज : Yogesh Mishra

शोषण का नाम लेते ही आरक्षण भोगी वर्ग तत्काल कटोरा लेकर खड़ा हो जाता है और जन्म जन्मांतर की कपोल कल्पित कहानियां सुनाने लगता है ! पिछले 75 सालों से तीन पीढ़ियों से आरक्षण का लाभ उठाने वाले इन राजनैतिक वोट बैंक के सदस्यों ने जितना शोषण सवर्णों का किया …

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आंदोलन सदैव प्रायोजित होते हैं : Yogesh Mishra

सामाजिक आंदोलन सदैव प्रायोजित और साम्राज्यवाद के विस्तारवादी षडयंत्र का हिस्सा होते हैं ! यह कभी भी स्वस्फूर्त नहीं होते हैं ! फिर चाहे वह गांधी का आंदोलन हो या जयप्रकाश का ! इन सभी आंदोलनों के सूत्र विश्व सत्ता के नियंत्रण में होते हैं ! विश्व सत्ता के नुमाइंदे …

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कॉम्युनिस्ट अफ़ीम का घातक जहर : Yogesh Mishra

“दो क्लास के बीच पहले अंतर दिखाना, फ़िर इस अंतर की वजह से झगड़ा करवाना और फ़िर दोनों ही क्लास को ख़त्म कर देना ! जिससे किसी भी देश का आर्थिक विकास रुक जाता है ! यह साम्राज्यवादी शक्तियों का बहुत ही पुराना और सोचा समझा हुआ खेल है ! …

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