जब पृथ्वी पर गंगा नहीं थी, तब भी अनादि काल से शैव नर्मदा नदी भारत के संस्कृति को सजो रही थी ! यह हिमालय से नहीं बल्कि अमरकंटक के तप स्थली से निकली थी ! शुरू में मामूली दिखने वाली यह नदी समुद्र तक पहुँचते पहुँचते 20 किलोमीटर चौड़ा पाट …
Read More »sanatangyanpeeth
अब हमें काल्पनिक ईश्वर से पीछा छुड़ाना होगा : Yogesh Mishra
ईश्वर का तात्पर्य अंधविश्वास नहीं है ! ईश्वर वह ऊर्जा है, जिसके पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक अनुभूतियां स्पष्ट रूप से प्रगट होती हैं ! ईश्वर कोई कोरी कल्पना नहीं है बल्कि यह ईश्वरीय ऊर्जा के साक्षात्कार का विषय है ! यह सनातन धर्म का दुर्भाग्य रहा है कि कुछ लोगों …
Read More »सम्पन्नता आपका जन्मसिद्ध अधिकार है : Yogesh Mishra
आपका धनाड्य होना आपके भाग्य का नहीं पुरुषार्थ का विषय है ! इस संसार में संपन्न होना भी एक कला है ! भारत का दुर्भाग्य रहा है कि भारत में जारी शिक्षा पद्धति में कहीं भी बच्चों को धनाड्य बनने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है ! इसीलिए हमारे बच्चे …
Read More »सनातन सर्व शिक्षा महाअभियान : Yogesh Mishra
वर्ष 2022 में सनातन ज्ञान पीठ ने संस्थापक श्री योगेश कुमार मिश्र के निर्देश में शिक्षा के क्षेत्र में बृहद कार्य करने का निर्णय लिया है ! इस वर्ष सनातन ज्ञान पीठ समाज के सभी वर्ग के 1 लाख बच्चों को गोद लेकर नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करावाने जा रहा है …
Read More »नई शिक्षा नीति बाबू नहीं वैश्विक मजदूर बनायेंगे : Yogesh Mishra
ए. आई. अर्थात आर्टिफिसियल इटेलिजेंस या कृतिम बौद्धिकता के आने के बाद वैसे भी पूरी दुनियां में अब बाबू की जगह बौद्धिक मजदूरों की मांग बढ़ी है ! अगर किसी भी राष्ट्र के भविष्य को समझना हो तो मात्र उस राष्ट्र की शिक्षा नीति को समझ लेना ही पर्याप्त होता …
Read More »अब भारत को उठना होगा : Yogesh Mishra
भारतीय समाज में 3 वर्ग हैं ! पहला उद्यमी वर्ग, दूसरा नाकारा वर्ग, तीसरा भटका हुआ वर्ग ! जो उद्यमी वर्ग है वह निरंतर अपने लक्ष्य को निर्धारित करके अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिये उस दिशा में बराबर बढ़ता रहता है ! उनका एक मात्र उद्देश्य निरंतर अपना विकास …
Read More »वैष्णव द्वारा केदारनाथ हड़पने का असफल प्रयास : Yogesh Mishra
बद्रीनाथ को वैष्णव ने कैसे हड़पा इस पर मैं पहले ही अपना शोध लेख लिख चुका हूँ जो मेरी वेबसाईट पर मौजूद है ! आज बात करता हूँ वैष्णव द्वारा केदार नाथ हड़पने के असफल प्रयास की ! महाभारत के युद्ध में कृष्ण द्वारा एक एक शैव परम्परा के पोषक …
Read More »सरस्वती को लक्ष्मी की दासता से मुक्त करना होगा : Yogesh Mishra
पश्चिम की पैशाचिक संस्कृत ने ज्ञान का आर्थिक मूल्यांकन करके सरस्वती को लक्ष्मी के अधीन कर दिया अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि आज यदि आपके पास धन नहीं है, तो आप उच्च स्तरीय ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं ! शिक्षा जगत में इस कार्पोरेट धंधे का असर …
Read More »धर्म के लाशों को ढ़ोते धार्मिक गिरोह : Yogesh Mishra
अनादि काल से सृष्टि में एक ही धर्म रहा है ! वह प्रकृति का धर्म ! जो निरंतर मानव कल्याण के अनुरूप प्रकृति की तरह परिवर्तनशील रहा है ! किंतु दुर्भाग्य यह रहा कि मनुष्य ने प्राकृतिक धर्म को छोड़ कर मानव निर्मित धर्मों को प्राकृतिक धर्म के विकल्प रूप …
Read More »क्या हमारा मस्तिष्क वैचारिक कूड़ा घर है : Yogesh Mishra
पूरी दुनिया का उपभोक्तावादी बाजार अब मानव मस्तिष्क को वैचारिक कूड़ा घर समझने लगा है ! इस मानवीय वैचारिक कूड़ा घर में सकारात्मक विचारों के स्थान पर घनघोर निम्न, छिछले, ओछे विचारों का आधुनिक विज्ञान की मदद से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस द्वारा बहुत तेजी से वैचारिक कूड़ा फेंके जा रहा है …
Read More »