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जीवन में सफलता के प्रथम सूत्र : Yogesh Mishra

जीवन की सफलता का कोई निश्चित मानक नहीं है ! आपका व्यवहार, आपकी शिक्षा, आपका रंग, रूप, स्वभाव आदि यह सब आपके सहायक हैं ! इनमें से कोई भी चीज हर व्यक्ति को सफल बना सकती हैं ! यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है ! हर व्यक्ति …

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संपन्नता के लिए राम के साथ रुपये की भी चिंता करो : Yogesh Mishra

धर्म की उत्पत्ति समाज के मंदबुद्धि वर्ग के मनुष्यों को नियंत्रित करने के लिए की गई थी ! इसीलिए धर्म ने स्वर्ग-नरक, पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म, देव-दैत्य, सुर-असुर जैसे सांकेतिक शब्दों का निर्माण किया ! जिन शब्दों के माध्यम से मंदबुद्धि के व्यक्तियों को यह बतलाया जा सके, कि वह धर्म के …

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नाथ परंपरा का तिब्बत से सम्बन्ध : Yogesh Mishra

तिब्बत का प्राचीन नाम त्रिविष्टप है ! तिब्बत प्राचीन काल से ही योगियों और सिद्धों का घर माना जाता रहा है ! पहले यह भारत का हिस्सा था ! 1912 में तिब्बत के 13वें धर्मगुरु दलाई लामा ने तिब्बत को भारत से अलग स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया ! राहुलजी …

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ब्राह्मणों को कोई पराजित नहीं कर सकता है : Yogesh Mishra

आजकल हिंदू धर्म और ब्राह्मणों को पानी पी पी कर गाली देने का एक प्रचलन सा शुरू हो गया है ! इसके पीछे विदेशी इसाई संस्थाओं और बौद्ध षड्यंत्रकारियों का स्पष्ट हाथ है ! प्रशासनिक सेवाओं की कोचिंग पढ़ाने वालों से लेकर फिल्म बनाने वालों तक और लोकतंत्र की तथाकथित …

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रावण काल का क्रिस्टल कपाल सुपर कंप्यूटर : Yogesh Mishra

अमेरिका की निवासी महिला केर्लिन फोर्ट जो कि एक व्यवसायिक फोटोग्राफर हों ! उनको माया सभ्यता के नागरिकों से वर्ष 2001 में एक 15 किलो का क्रिस्टल कपाल मिला है ! उस महिला ने इस क्रिस्टल कपाल का नाम आइंस्टाइन रखा है ! उसका कहना है कि उस कपाल से …

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तत् और श्री में अंतर : Yogesh Mishra

वैष्णव जीवन शैली में धर्म के नाम पर लूट की अलग-अलग दुकान चलाने के लिए दर्जनों देवी देवताओं का निर्माण वैष्णव धर्माचार्यों ने किया है ! और अलग-अलग देवी-देवताओं को अलग-अलग मानवीय इच्छाओं की पूर्ति करने का पर्याय बना दिया है ! जिसके लिए अलग-अलग तरह के मंत्र, पूजा, अनुष्ठान, …

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मनुष्य मृत्युंजयी कैसे बनता है : Yogesh Mishra

सनातन शैव संस्कृति अनादि है, अनंत है और काल से परे है ! क्योंकि इस संस्कृति के संस्थापक भगवान शिव ने स्वयं की है ! जो स्वयं काल से परे हैं ! भगवान शिव का कभी जन्म नहीं हुआ है इसलिये वह अनादि हैं, उनका जन्म नहीं हुआ है इसलिए …

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याचक नहीं दाता बनो : Yogesh Mishra

वैष्णव जीवन शैली में भक्त जीवन भर गुरु से, भगवान से, प्रकृति से याचना करते हुए ही जीवन व्यतीत करता है ! उसे सदैव प्रतिक्षण कुछ न कुछ चाहिए ही होता है ! किसी को पुत्र की कामना होती है, तो किसी को संपत्ति की, कोई यश मांगता है, तो …

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जीवन की समस्याओं को मिटाना है तो शैव बनो : Yogesh Mishra

मनुष्य के जीवन में हर तरह की हर समस्या का कारण कृत्रिम जीवन पद्धति है ! जो हमें वैष्णव जीवन शैली से प्राप्त हुई है ! आज साम्राज्यवादी सोच भी इसी कृत्रिम जीवन पद्धति का विकसित रूप है ! कृत्रिम जीवन पद्धति में सबसे बड़ा दुर्गुण यह है कि इसमें …

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वैष्णव संतों का वास्तविक चेहरा : Yogesh Mishra

वैष्णव धर्म ग्रंथों के अनुसार भारत में जब वैष्णव जीवन शैली अपने पूर्ण प्रसार पर थी ! तब दो महायुद्ध हुए ! एक राम रावण का युद्ध और दूसरा महाभारत का धर्म युद्ध और यह दोनों ही युद्ध धर्म और संत समाज की रक्षा के लिए हुए ! ऐसा बतलाया …

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