कहा जाता है कि हानि-लाभ, जीवन-मृत्यु यश-अपयश इन 6 चीजों पर ईश्वर का नियंत्रित है या इनका निर्धारण व्यक्ति के जन्म के पूर्व ही जब बच्चा अपने मां की गर्भ में होता है ! उसी समय प्रकृति द्वारा कर दिया जाता है !
अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये तो हम अपने पूर्व जन्म के संचित संस्कार के अनुरूप जब नया जन्म लेते हैं, तो प्रारब्ध की संचित ऊर्जा के कारण हमारे जन्म के पूर्व ही हमें जीवन में कब कितनी सफलता मिलेगी इसका निर्धारण हो जाता है !
इसी को देखने के लिये ज्योतिष का सहारा लिया जाता है ! ग्रहों की गति और गणना के अनुसार भारतीय फलित ज्योतिष में हमारे ज्योतिषी गण गणना करके हमें यह बतला देते हैं कि हमारा जीवन कैसा होगा और यदि उसमें कोई अवरोध होता है तो उसके लिये वह हमें तरह-तरह के उपाय, अनुष्ठान, रत्न आदि बतलाते रहते हैं ! किंतु व्यवहारिक रूप से देखा गया है कि इस तरह के उपाय अनुष्ठानों से वह सकारात्मक परिणाम नहीं दिखाई देते हैं जिसकी व्यक्ति को आशा होती है !
ऐसी स्थिति में सनातन ज्ञान पीठ ने बहुत शोध करने के बाद “ब्रह्मास्मि क्रिया साधना” को खोज निकाला है ! इसका वर्णन हमारे धर्म ग्रंथों में बड़े विस्तार के साथ मिलता है ! हमारे मंत्र दृष्टा ऋषियों ने इस साधना पद्धति के प्रभाव से पूरी की पूरी प्रकृति की व्यवस्था ही बदल दी थी !
अतः इस साधना पद्धति का सहारा लेकर यदि हम चाहें तो हम अपने वर्तमान जीवन में ग्रहों की गति के कारण उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदल सकते हैं ! जिससे हमें अपने जीवन में वह सब कुछ प्राप्त होगा जो हम चाहते हैं !
पूर्व के कर्मों के परिणाम स्वरुप जब हमारे प्रारब्ध में नकारात्मक ऊर्जा का समावेश अधिक हो जाता है तो व्यक्ति का सहयोग प्रकृति करना बंद कर देती है ! ऐसी स्थिति में व्यक्ति के सारे पुरुषार्थ विफल हो जाते हैं और व्यक्ति निरंतर परेशान होता रहता है !
किंतु “ब्रह्मास्मि क्रिया साधना” के द्वारा व्यक्ति अपने अंदर इस तरह का रासायनिक परिवर्तन कर लेता है कि पूर्व के संचित प्रारब्ध की नकारात्मक ऊर्जा भी सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है और नवनिर्मित संस्कारों के प्रभाव के कारण व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षेत्र में सांसारिक सफलता प्राप्त करने लगता है !
जिन लोगों ने “ब्रह्मास्मि क्रिया साधना” का सहारा लिया है ! उनको आज मैं जीवन की बहुत ऊंचाई पर देख रहा हूं ! अपना आहार-विहार-व्यवहार “ब्रह्मास्मि क्रिया साधना” के द्वारा बदल कर लोगों ने अपने जीवन में चमत्कारिक सफलता प्राप्त की है !
इसलिए मेरा यह सुझाव है यदि आप अपने जीवन के संघर्ष से ऊब गए हैं तो एक बार जरूर “ब्रह्मास्मि क्रिया साधना” का सत्र अवश्य कीजिये ! इससे आपके जीवन में चमत्कार घटित होगा ! ऐसा मेरा पूरा पूर्ण विश्वास है !