मित्रों वर्ष 1953 मे भारत के एक व्यक्ति ”श्री राम नारायण” के एक प्रश्न कि (ब्रिटिश राष्ट्रीयता अधिनियम 1948 के तहत भारतीय नागरिकों की स्थिति क्या है ) के उत्तर में भारत के विदेश मंत्रालय ने वर्तमान में भी भारत के गुलाम होने की बात को स्वीकार किया और पत्र के उत्तर मे ब्रिटिश सरकार के under secretary का पत्र प्रस्तुत किया ।
पहले आप पत्र के उत्तर का हिन्दी में अनुवाद पढ़ें । बाकी पूरा पत्र नीचे दिया गया है ।
आपके द्वारा भेजे गये पत्र दिनांक 5 सितंबर 1953 में मुझे ये कहने का निर्देश हुआ है कि “ब्रिटिश राष्ट्रीयता अधिनियम 1948 की धारा एक (1) के तहत भारत का प्रत्येक नागरिक आज भी ब्रिटिश कानून का विषय है और इस स्थिति में भारत के गणतंत्र (आजाद) होने के बाद कोई परिवर्तन नहीं हुआ है”
ये रहा वो पत्र (भारत की गुलामी का दस्तावेज़) ।
नोट:
( मित्रो मेरे (योगेश मिश्र) द्वारा भारत के संविधान पर किये गये शोधकार्य के और भी बहुत से दस्तावेज़ जो की भारत की गुलामी के विषय मे होंगे उनको मैं थोड़े-थोड़े समय बाद अपनी website पर Upload करता रहूँगा । कृप्या कोई भी इन दस्तावेजों का दुरुपयोग करने का प्रयास न करें , नहीं तो मजबूरन मुझे उनके विरुद्ध कानूनी कारवाई करनी पड़ेगी । )