Adolf Hitler

क्या हिटलर ने राजनीति में तंत्र का सहयोग लिया था : Yogesh Mishra

पूर्व युद्ध जर्मनी में दो गुप्त संगठन थे जो बारीकी से मिलकर काम करते थे ! क्योंकि उनकी विचारधारा पूरी तरह से हिटलर के अनुरूप थी ! थूले और वृल ! इन दोनों ने फूहरर संगठन बनाया और हिटलर के राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा किया ! हालांकि सभी शक्तियां केवल …

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साम्राज्यवादी ताकतों के इशारे पर तोड़ा जायेगा अब हिटलर का घर ! : Yogesh Mishra

एक असली राष्ट्रभक्त का भय यह होता है कि उसके मृत्यु के बाद भी साम्राज्यवादी और पूंजीवादी ताकतें उसके नाम और विचारधारा से थरथर कांपती हैं ! क्योंकि उन्हें सदैव यह लगता है कि उनके अत्याचार से पीड़ित होकर कोई दूसरा व्यक्ति कहीं पुनः किसी राष्ट्र भक्त के जन्म स्थान, …

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क्या हिटलर में परकाया प्रवेश हुआ था ! : Yogesh Mishra

बहुत कम लोगों को पता है कि हिटलर असल में जर्मन का मूल निवासी था ही नहीं ! उसका जन्म जर्मनी की सीमा से सटे हुये ऑस्ट्रिया देश के इलाके में ब्राऊनाउ एम इन में 20 अप्रैल 1889 को शाम साढ़े छः बजे हुआ था ! मात्र 16 वर्ष की …

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हिटलर तानाशाह नहीं बल्कि वह त्यागी और दयालू था ! : Yogesh Mishra

हिटलर तानाशाह नहीं बल्कि एक त्यागी, दयालु, शाकाहारी, धूम्रपान न करने वाला और अध्ययनशील व्यक्ति था ! उसने सितंबर 1933 में हिटलर के जर्मनी का वाइस चांसलर बनते ही उसने जर्मनी में बड़े पैमाने पर सामाजिक कल्याण कार्यक्रम शुरू करवा दिये ! जिसे ‘विंटर हेल्प वर्क’ के नाम से जाना …

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आखिर हिटलर को युद्ध के लिये सैकड़ों टन सोना किसने दिया था ! : Yogesh Mishra

क्या आपने कभी सोचा कि हिटलर के पास सत्ता में आते ही इतना पैसा कहां से आया कि उसने अति आधुनिक हथियार, फाइटर प्लेन, मिसाइल, अंतरिक्ष सैटेलाइट आदि के तकनीकी के विकास के लिये पूरे जर्मन में दर्जनों प्रयोगशालाओं का निर्माण करवा दिया ! जो मात्र द्वितीय विश्व युद्ध की …

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शुद्ध रक्त की शक्ति थी हिटलर की सफलता का रहस्य ! : Yogesh Mishra

शुद्ध रक्त की शक्ति थी हिटलर की सफलता का रहस्य ! शान्ति प्रिय मानव का इतिहास सदैव से युद्ध और खून-खराबे का रहा है ! सुनने में यह थोड़ा भले ही अजीब सा लगता है ! पर साम्राज्यवादी और पूंजीवादी शासन व्यवस्था ने हर दौर में ऐसे खलनायक पैदा किये …

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क्या गाँधी हिटलर से ज्यादा खतरनाक थे ! : Yogesh Mishra

15 अगस्त 1947 की तथाकथित आजादी के बाद 30 जनवरी 1948 की सुबह प्रार्थना के वक्त जाते समय नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी जी को गोली मार दी गई थी ! जिससे उनकी मृत्यु हो गई किंतु उसकी मृत्यु के उपरांत तीन बड़ी घटनायें इस देश में घटी ! पहला जीवन …

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साम्राज्यवादी ताकतों की कूटनीति : Yogesh Mishra

हिटलर के बढ़ते प्रभाव से परेशान होकर उस समय के सबसे बड़े साम्राज्य ब्रिटेन ने जर्मन को लोकतंत्र की तरफ वापस लाने के लिये तत्कालीन सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन जिन्हें लोग चार्ली चैप्लिन के नाम से भी जानते हैं ! जो उस समय अमेरिकी सिनेमा के क्लासिकल …

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स्वास्तिक जिसने हिटलर की तकदीर बदल दी ? : Yogesh Mishra

सत्य सनातन वैदिक निशान स्वास्तिक को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हिटलर की पहचान माना गया है और माना भी क्यों न जाये जब स्वस्तिक नाज़ी साम्राज्य का प्रतीक चिन्ह जो था ! जिस नाजी साम्राज्य ने विश्व के सबसे बड़े साम्राज्य ब्रिटेन और सबसे बड़े पूंजीवादी अमेरिका का अहंकार …

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हिटलर व्यक्ति नहीं एक विचारधारा है : Yogesh Mishra

हिटलर की मृत्यु 30 अप्रैल 1945 को बर्लिन में एक बंकर के अंदर खुद को गोली मार कर हुई थी या फिर दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना में हुई थी ! यह आज भी शोध का विषय है ! लेकिन हिटलर की विचारधारा के कारण विश्व के साम्राज्यवादी और पूंजीवादी दृष्टिकोण …

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