Dharmik Mahtav

बाल ब्रह्मचारी होते हुये भी शंकराचार्य ब्रह्मचारी क्यों नहीं माने गये ! : Yogesh Mishra

शंकराचार्य जन्‍म आज से लगभग ढाई हजार साल पहले 788 ई. में केरल के कालडी़ नामक ग्राम मे हुआ था ! वह अपने ब्राह्मण माता-पिता की एकमात्र सन्तान थे ! बचपन मे ही उनके पिता का देहान्त हो गया ! यह जन्म से ही महान बुद्धि जीवी और जिज्ञासु प्रवृत्ति …

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शास्त्र ही प्रमाण क्यों हैं ! गहरी जानकारी : Yogesh Mishra

विश्वयुद्ध वह अग्नि है जिसमें सदैव विकास के लिये किये गये सारे पुरुषार्थ जलकर नष्ट हो जाते हैं ! वह युद्ध चाहे देवासुर संग्राम हो, राम रावण का हो और या फिर महाभारत का हो ! क्योंकि होता यह है कि जब विश्व युद्ध होते हैं ! तो सबसे ज्यादा …

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ब्रह्मा विष्णु महेश का गूढ़ रहस्य विस्तार से समझें | Yogesh Mishra

जो ब्रह्माण्ड में है वही पिण्ड अर्थात शरीर में है ! सृष्टि रचना के पूर्व केवल सुई की नोक से एक करोड़ वें अंश के रूप में ब्रह्म तत्व विद्यमान था ! जिसमें ब्रह्म ऊर्जा के प्रवेश से ब्रह्माण्ड की रचना हुई ! जिसे अब आधुनिक वैज्ञानिक भी मानने लगे …

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श्रीमद्भागवत गीता का वर्णन अन्य ग्रंथों में क्यों नहीं मिलता है ! : Yogesh Misha

अगर वर्तमान में प्रचलित 700 श्लोक का श्रीमद्भागवत गीता ही वह ग्रंथ है ! जो उपदेश भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में दिया था ! तो प्रश्न यह है कि महाभारत के रचयिता श्री वेदव्यास जिन्होंने महाभारत के एक अंश के रूप में श्रीमद्भागवत गीता का संग्रह अपने …

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क्या वर्तमान में उपलब्ध श्रीमद्भागवत गीता सुरेश्वराचार्य जी द्वारा लिखी गयी थी : Yogesh Mishra

यह वह दौर था ! जब सनातन धर्म का पूरी तरह पतन हो चुका था ! वर्ण व्यवस्था पूरी नष्ट हो गई थी और समस्त सामाजिक मर्यादा खत्म हो चुकी थी ! इसका मूल कारण यह था कि गुरु परंपरा से विहीन, एक क्षत्रिय राजघराने का अनुभव और साधना विहीन …

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“राघवयादवीयम्” एक अदभुद ग्रन्थ : Yogesh Mishra

हमारा देश अप्रतिम विचित्रताओं, एक से एक महान उपलब्धियों जिन पर किसी को भी विश्वास करना इतना आसान नहीं, ऐसी अनोखी दास्तानों, खोजों, दुर्लभ सम्पदाओं, विलक्षण प्रतिभाओं और अमूल्य धरोहरों से भरा पड़ा है ! भारत अद्भुद विद्वानों का देश है ! जिन्होंने एक से एक अदभुद ग्रंथों की रचना …

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आपको डाक्टर नहीं भगवान बचाता है ! : Yogesh Mishra

यह जीव विज्ञान का बहुत ही सामान्य सा सिद्धांत है कि जो व्यक्ति जिस परिवेश में रहता है या जो भोजन करता है ! शरीर उसी के अनुरूप अपना विकास कर लेता है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये तो व्यक्ति जिस परिवेश में रहता है या भोजन करता है …

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शास्त्रों का अति अध्ययन व्यक्ति को मानसिक रोगी बना सकता है : Yogesh Mishra

भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में स्वयं अर्जुन को उपदेश देते हुये कहा है कि तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया ! उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिन: !! अध्याय 4, श्लोक 34 ज्ञान को तू तत्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर समझ, उनको भलीभाँति दण्डवत्‌ प्रणाम करने से, उनकी सेवा करने से और कपट …

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हनुमान चालीसा का निर्माण बनारस के श्मशान घाट पर हुआ था ! : Yogesh Mishra

उस समय गोस्वामी तुलसीदास को अयोध्या के पंडों ने अयोध्या से अपमानित करके भगा दिया था ! तब गोस्वामी तुलसीदास बनारस में काशी नरेश के दरबार में उपस्थित हुये और उनसे आग्रह किया कि “मैं भगवान श्रीराम पर एक ग्रंथ लिखना चाहता हूं !” तब काशी नरेश ने बनारस के …

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चौंसठ योगिनी मंदिर का रहस्य : Yogesh Mishra

वैसे तो चौंसठ योगिनी मंदिर भारत में कई जगह है किन्तु आज जबलपुर के मंदिर की चर्चा करता हूँ ! यह जबलपुर के ऐतिहासिक संपन्नता में एक और अध्याय जोड़ता है ! प्रसिद्ध संगमरमर चट्टान के पास स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर में देवी दुर्गा की 64 अनुषंगिकों की प्रतिमा है …

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