वैश्विक आंदोलन ‘सेव सॉयल’ के हिस्से के रूप में, ईशा फाउंडेशन और ‘कॉन्शियस प्लैनेट मूवमेंट’ के संस्थापक, जग्गी वासुदेव उर्फ़ सद्गुरु जी महाराज 21 मार्च 2022 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपनी मोटरसाइकिल यात्रा लंदन से शुरू कर चुके हैं। वैसे यह संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद में विशेष सलाहकार भी हैं !
यह यात्रा 100 दिनों की होगी ! जिसमें 27 देशों में 30,000 किमी की दूरी तय की जायेगी। उनकी यात्रा में उन्हें सभी 27 देशों के नेताओं का पूरा सहयोग उन्हें मिलेगा और इस यात्रा में सद्गुरु उन नेताओं से अपने देशों की मिट्टी को बचाने के लिए तत्काल आंकड़े तैय्यार करने और उस पर डिजिटल नीतिगत कार्रवाई शुरू करने की अपील करेंगे।
अब प्रश्न यह है कि इतने बड़े आन्दोलन की शुरुआत इंग्लैंड से क्यों हो रही है, जबकि भारत तो अनादि काल से विश्व विख्यात किसानों का देश है और इस कार्यक्रम के आयोजक सदगुरु जी भी अपने को अभी तक भारतीय ही बतलाते हैं ! भले ही उनके साथी व सलाहकार विश्व सत्ता के लोग हों !
इसी तरह भारतीय मिट्टी पर देश की आज़ादी के तुरन्त बाद एक हमला भूदान के प्रणेता संत विनोबा भावे के नेतृत्व में 1951 में आरम्भ हुआ था ! उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे !
जिसमें भारतीय गौवंश को ख़त्म करने के लिये 1955 में विभिन्न राज्य सरकारों पर दबाव डाल कर भारतीय संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत गोवध निवारण अधिनियम पास करवाया गया था ! जिस व्यवस्था में पशु चिकित्सक की मेडिकल जाँच के बाद गोहत्या को वैध घोषित कर दिया गया था ! जिसका दंश आज तक संपूर्ण भारत झेल रहा है !
इसी तरह मिट्टी बचाओ आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत मार्च 1977 में मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री कार्यकाल हुई थी ! जिसे गति मिलने के पहले ही 1980 श्रीमती इन्दरा गाँधी ने प्रधान मंत्री की शपथ लेते ही इस षडयंत्र को विफल कर दिया था ! जिसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दरा गाँधी के ऊपर काफी दबाव रहा और अन्तः 1984 में उनकी हत्या उन्हीं के आवास पर हो गई !
अब इसके तीसरे चरण की शुरुआत पुन: हुई है ! वैसे भी भारत के हर गाँव के एक एक इंच जमीन का लेखा जोखा तैय्यार किया जा रहा ! इसके पीछे क्या रहस्य है यह वक्त आने पर किसी दूसरे लेख में बतलाऊंगा !!