जानिए विश्व के षडयंत्र संचालक कौन है : Yogesh Mishra

कहने को तो मूल्य का निर्धारण मांग और पूर्ति के सिद्धांत पर होता है लेकिन क्या आपने कभी विचार किया कि प्रतिदिन तीन बार सोने का मूल्य कैसे स्वत: कम और ज्यादा हो जाता है ! वह कौन सी शक्तियां हैं जो मांग और पूर्ति के अलावा विश्व के बाजार में सोने के मूल्य का निर्धारण करती हैं ! सच तो यह है कि सोना का ही नहीं जो भी कुछ आज बाजार में बिक रहा है उन सभी के मूल्य का निर्धारण यही महाशक्ति करती है ! जिसका विश्व के संपूर्ण बाजार पर नियंत्रण है !

दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि पूरे विश्व में कब, कहां, कौन सी सत्ता होगी ! इस सत्ता का प्रमुख कौन होगा और उस सत्ता प्रमुख को अपने देश में किन-किन नियमों का पालन करवाना होगा ! अर्थात कौन-कौन से नये कानून बनाने होंगे और पुराने कानून खत्म करने होंगे ! यह निर्देश विश्व की एकमात्र संस्था द्वारा पूरे विश्व के राष्ट्र अध्यक्षों को देती है ! जिससे पूरा विश्व एक ही दिशा की ओर संचालित हो रहा है !

आइये अब इस रहस्य को विस्तार से समझते हैं ! धरती पर जब से मनुष्य का विकास हुआ है तब से लेकर आज तक दो प्रकार के लोग हमेशा से रहते आये हैं ! जिनमें से एक अच्छे लोग और दूसरे बुरे लोग कहलाते हैं ! बुरे लोग हमेशा से अच्छे लोगों को अपने रास्ते से हटाते आये हैं !

ऐसे ही बुरे लोगों का एक संगठन है जिसे नाम दिया गया है इलुमिनाटी ! आज यह संगठन पूरी दुनिया को अपने नियंत्रण में किये हुये है ! हर क्षेत्र में इसकी पकड़ मजबूत हो चुकी है ! नई विश्व व्यवस्था को समझने से पहले हमें इलुमिनाटी बारे में थोड़ा सा जान लेना अत्यंत आवश्यक होगा ! तभी हम नई विश्व व्यवस्था को समझ सकते हैं !

इलुमिनाटी की स्थापना 1 मई 1776 को जर्मनी के एक प्रोफेसर “एडम वीशाप्ट” ने की थी ! शुरुआत में प्रोफेसर ने इसका नाम “ऑर्डर ऑफ इलुमिनाटी” रखा था ! समय के साथ इसके सदस्यों की सदस्यता बढ़ती चली गई और इसका नाम सिर्फ “इलुमिनाटी” हो गया ! उनका मानना था कि दुनिया धर्म या सिधान्त से नहीं बल्कि शक्ति से संचालित होती है ! इलुमिनाटी में विश्व के 13 प्रधान परिवार प्रमुख हैं जो इस संगठन को संचालित करते हैं !

इस परिवार की 190 सदस्य विश्व सत्ता की स्थापना के लिये निरंतर कार्य करते रहते हैं ! यह सभी अलग-अलग उप नामों से जाने जाते हैं ! लोग ईसाई संप्रदाय पर भी नियंत्रण रखता है तथा इलुमिनाटी इस संगठन के कुकर्म और अन्य क्रियाओं को छिपाने के लिये 200 प्रकार के अन्य मिडिया, विभिन्न देशों के एन.जी.ओ आदि संगठनों एवं संस्थाएं बनाकर रखे हुये हैं ! जिन पर अकूत धन भी व्यय करते हैं !

यह लोग अपनी शक्ति को पैदा करने के लिये दुनिया में बुराई अर्थात नशा, हत्या, अपराध, राजनैतिक षडयंत्र आदि को फैलाने में कोई संकोच नहीं करते हैं और अच्छे सिधान्तवादी लोगों के विरुद्ध प्रचार प्रसार कर उनकी छवि बिगड़ते हैं या उनकी हत्या करावा देते हैं ! इनका उद्देश्य पूरी दुनिया पर एक छत्र राज्य करना है या पूरी दुनिया को अपने बस में रख कर मन मुताबिक काम लेना है !

इलुमिनाटी के सदस्यों में दुनिया भर के मात्र सबसे धनी लोग आते हैं ! फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो ! इनके अनुसार धन ही ईश्वर है और वह धन के लिए कुछ भी कर सकते हैं ! इसी कारण इनके पास विश्व के सबसे अधिक स्वर्ण भंडार मौजूद हैं और यह लोग पूरे विश्व में अपने बैंकों के द्वारा अर्थव्यवस्था को नियंत्रण में रखता हैं ! अतः विश्व बैंकिंग व्यापार का एक बहुत बड़ा अंश इस परिवार के हाथ में है !

कहने को तो विश्व में यह लोग यह प्रचार प्रसार करते हैं कि तंत्र मंत्र कुछ नहीं होता है ! कहीं कहीं तो तंत्र मंत्र के विरुद्ध कानून भी बनवा कर उसे अपराध घोषित किया गया है ! पर स्वयं यह लोग आसुरी शक्तियों में एवं तंत्रों में विश्वास रखता है ! यह नरबलि से लेकर सभी तरह की तंत्र क्रियाओं में लिप्त रहते हैं !

यह लोग विश्व में मांस, नशा व हथियार के व्यवसाय को नियंत्रित करते हैं ! भविष्य की तकनीकी, धर्म संस्थानों का धन और युवा मस्तिष्क इनके सदैव निशाने पर रहते हैं ! जिन्हें यह लोग शिक्षा और सूचना तंत्र द्वारा संचालित करते हैं !

डेविड रॉकफेलर इस ट्रस्ट की प्रबंध समिति का प्रमुख है, इन्होंने एक पुस्तक प्रकाशित की है जिसमें इनके आसुरी वंश वृक्ष का वर्णन है और यह पुस्तक अमेरिका, लंदन, यूरोप के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है ! जिसमें एक धर्म, एक सरकार, तथा एक संस्कृति कैसे स्थापित हो यह पढ़ाया जाता है ! इस संगठन का यह मानना है कि अब विश्व का जो किशोर आयु वर्ग है उसे ही अपने विचारों से प्रभावित किया जाना आवश्यक है ! अमेरीका,यूरोप व लन्दन में विश्वविद्यालयों के नाम से हैं !

युवाओं को विकृत करने के लिये अमेरीका के लॉस एंजिलिस नगर में अकेले 2,500 से अधिक स्थानों पर व्यवस्थित तरीके से अश्लील फिल्मों को बनाने का विश्व का सबसे बड़ा कुण्ठित उद्योग स्थापित है ! जिससे युवाओं को व्यभिचार में धकेला जा सके और समाज की परिवार व्यवस्था भंग की जा सके ! वहाँ भी यह लोग पैसा लगाते है ! तथा इन फिल्मों का निर्माण करवाते हैं, यह फिल्में भारत में दिखाई जाती हैं जिससे यहाँ के नव किशोर वर्ग को मानसिक स्तर पर भ्रष्ट किया जा सके !

फिर भारत के आस-पास छोटे छोटे द्वीपीय देशों में उस षडयंत्र के अनुरूप वासना और नशा का व्यापार व्यवस्थित तरीके से चल रहा है ! जो हमारे युवाओं से पैसा व चरित्र दोनों ही चुरा लेते हैं ! वर्तमान में यह अपराध बहुत अधिक जोरों पर चल रहा है ! यह षडयन्त्र इलुमिनाटी का मुख्य प्रोजेक्ट है जिससे अपने भविष्य के विरोधियों को युवा होने के पूर्व ही मानसिक, चारित्रिक, आर्थिक और शाररिक रूप से नष्ट किया जा सके !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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