दान भी सोच समझकर दें ,नहीं तो हो सकता है सर्वनाश …Yogesh Mishra

संसार में जो भी वस्तुयें हमें दिखलाई दे रही हैं | वह सभी किसी न किसी ग्रह की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं | होता यह है कि ईश्वर की व्यवस्था के तहत प्रकृति द्वारा जब किसी भी वस्तु का निर्माण किया जाता है तो उसे किसी न किसी ग्रहीय ऊर्जा द्वारा पोषण मिलता है | कुछ समय बाद जब वह वस्तु किसी विशेष ग्रह की ऊर्जा से पोषण प्राप्त करते-करते उस ग्रह की ऊर्जा का अपने अंदर संचय कर लेती है | तब वह वस्तु उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करने लगती है |

और जब हमारे शरीर के अंदर किसी विशेष ग्रहीय नकारात्मक ऊर्जा के अति संचय से असंतुलन के कारण शरीर के अन्दर रसायनों में असंतुलन की स्थिति पैदा होती है | तब हमारे ऋषियों-मुनियों द्वारा खोजे गये विज्ञान के तहत हम उन वस्तुओं का दान करके अपने शरीर के अंदर के उस ग्रह की ऊर्जा का त्याग करके उस ग्रह से उत्पन्न होने वाले असंतुलित शाररिक रसायन को संतुलित कर लेते हैं और हमारा सांसारिक कष्ट समाप्त हो जाता है |

अर्थात दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि जो वस्तु जिस ग्रह की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व पृथ्वी पर करती है | उस वस्तु के प्रयोग या दान से हम अपने शरीर के अंदर उस ग्रह की ऊर्जा से होने वाले असंतुलन को ठीक कर सकते हैं |

लेकिन होता यह है कि कभी-कभी अज्ञानता वश हम उन वस्तुओं का दान करने लगते हैं | जिन वस्तुओं के प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रह वास्तव में हमारे संरक्षक या पोषक होते हैं | परिणाम यह होता है कि जो ग्रह हमारा संरक्षण या पोषण कर रहे होते हैं | जब हम उन्हीं की वस्तुओं का दान देने लगते हैं | तो हमारे शरीर के अंदर संरक्षण या पोषण करने वाली ग्रहीय ऊर्जाओं की कमी होने लगती है और हमारा आभा मंडल कमजोर होने लगता है |

परिणामत: कुछ समय बाद हम उस ग्रहीय ऊर्जा की कमी के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होने लगते हैं | जिससे उस समय हमारे शरीर पर जो ग्रह अपना नकारात्मक प्रभाव डाल रहे होते हैं | उनकी नकारात्मक ऊर्जा शरीर में बढ़ती चली जाती है और हम मानसिक व शारीरिक रूप से गंभीर परेशानियों में फंस जाते हैं |

इसलिए बिना सोचे समझे कभी भी किसी भी वस्तु का निरंतर दान नहीं करना चाहिये | अन्यथा आप अपने को किसी अप्रत्याशित परेशानी में डाल सकते हैं इसलिये जब भी आप किसी भी वस्तु का निरंतर दान करते हैं तो यह अवश्य देख लीजिए कि आपकी कुंडली के अनुसार उस ग्रह की ऊर्जा यदि आप का पोषण और संरक्षण कर रही है तो आप उसका वस्तु का दान बिल्कुल मत करिये |

दान करना शास्त्रसम्मत है और व्यक्ति की आवश्यकता है क्योंकि प्रकृति के अंदर प्रत्येक चर या अचर वस्तु दान की शक्ति पर ही अपने अस्तित्व को बनाए हुये हैं | अतः यदि इस पृथ्वी पर जिस मनुष्य को अपना अस्तित्व बनाये रखना है तो प्रकृति की व्यवस्था के तहत उसे भी “दान” देना परम आवश्यक है | लेकिन किसी भी वस्तु का दान देने के पहले उसके परिणामों पर अवश्य विचार करना चाहिए | इसके लिए किसी योग्य ज्यो

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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तिषी से परामर्श लेकर ही व्यक्ति को निरंतर किसी वस्तु का दान देना चाहिए | अन्यथा गलत वस्तु के दान करने की वजह से आप किसी बड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं |

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