इस समय सम्पूर्ण विश्व में करोना काल का द्वितीय वर्ष चल रहा है ! अभी आगामी 3 वर्ष तक करोनाकाल का प्रभाव पूरे विश्व में रहेगा ! यह हम भारतीयों के लिए एक सुनहरा अवसर है ! विश्व विजेता बनने का !
इस काल में बच्चे उद्देश्य विहीन अक्षर ज्ञान के अनुपयोगी केन्द्र अर्थात विद्यालयों से दूर अपने माता-पिता के पास निरंतर उनके सानिध्य में बने हुए हैं ! इस स्थिति का लाभ उठाते हुए माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वह बच्चों के अंदर स्किल डेवलपमेंट मतलब प्रतिभा विकास द्वारा व्यवसायिक व्यक्तित्व विकासित करने के कार्य को सुनिश्चित करें !
यदि उन माता-पिता में इस तरह की क्षमता नहीं है ! तो वह लोग सनातन ज्ञान पीठ के जनसंपर्क प्रभारियों से संपर्क करके इस तरह के व्यक्तित्व विकास तथा औद्योगिक क्षमताओं को पैदा करने हेतु परामर्श ले सकते हैं ! यह 5 वर्ष भारत के आम व्यक्ति ही नहीं संपूर्ण राष्ट्र के लिए विश्व में महाशक्ति बनने का एक स्वर्णिम अवसर है !
आज भारत का 5 करोड़ बच्चा अपने माता पिता के पास घरों में बैठा है और उसके अंदर कुछ सीखने की ललक है तो उसके माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वह अपने बच्चे को उसकी रूचि के अनुरूप प्रतिभा विकास हेतु संसाधन उपलब्ध करवाएं और उसे पूरे विश्व को अपनी योग्यता क्षमता प्रतिभा के अनुरूप कार्य करने का अवसर प्रदान करने का मौका दें !
जिससे जब आज से 4 साल बाद पूरी दुनियां में जब करोना खत्म होगा तब भारत की नयी युवा पीढ़ी एक नया व्यक्तित्व उभर कर सम्पूर्ण विश्व को अपने आगे घुटने टेकने को मजबूर कर देगी ! इसके लिये हमें इस करोना काल में अपने व अपने बच्चों के समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि भारत के आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक विकास के लिये हमें इस समय का सदुपयोग करना चाहिए !!