स्वर साधना से आयु कैसे बढ़ती है : Yogesh Mishra

आपने प्राय: देखा होगा कि संगीत में स्वर साधना करने वाले शास्त्रीय संगीत गायकों की आयु सामान्य व्यक्तियों से अधिक लंबी होती है ! साथ ही स्वर साधना करने वाले संगीतज्ञ अपने हम उम्र अन्य लोगों के मुकाबले अधिक स्वस्थ रहते हैं !

इसका कारण उनके द्वारा सही तरह से की जाने वाली स्वर साधना है ! वास्तव में संगीत की स्वर साधना जीवनी ऊर्जा को बढ़ाने वाली योग पद्धति आधारित आयुर्वेदिक साधना है !

जो सातों ग्रहों के उर्जा को नियंत्रित करती है ! इसीलिए स्वर साधना में सात ग्रहों के प्रतिनिधि के रूप में संगीत के सात स्वर हैं ! हर स्वर किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है !

एक निश्चित तरंग पर यदि किसी स्वर को नियमित निकाला जाये, तो उससे शरीर के अंदर उत्पन्न ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है ! यही मंत्र विज्ञान का आधार है !

इसी तरह एक निश्चित क्रम से यदि स्वरों को निकाला जाये तो शरीर में जीवनी ऊर्जा के प्रभाव को घनीभूत किया जा सकता है !

इस तरह प्रकृति की सहायता से विभिन्न स्वरों को निकालकर कंपन और तरंगों को उत्पन्न करके व्यक्ति अपने अंदर सकारात्मक परिवर्तन कर लेता है ! जिस वजह से उसकी आयु लंबी हो जाती है !

लेकिन इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वर साधना करने वाले साधक को यह जानकारी होनी चाहिए कि किस तरह के स्वर उसके जीवनी ऊर्जा को बढ़ाने वाले हैं तथा किस तरह के स्वर उसके जीवनी ऊर्जा की शक्ति को क्षीण करने वाले हैं !

जिन साधकों को यह जानकारी नहीं होती है, वह लोग अज्ञानता वश अपने जीवनी ऊर्जा की शक्ति को क्षीण करने वाली स्वर साधना करने लगते हैं और अपना सर्वनाश कर लेते हैं ! इसका सबसे बड़ा उदाहरण पश्चिम जगत के विख्यात गायक माइकल जैकसन हैं !

उन्होंने अज्ञानता वश अपनी जीवनी ऊर्जा के विपरीत स्वर साधना पर व्यवसाई कारणों से अधिक अभ्यास किया और उसका परिणाम यह हुआ कि अरबों रुपए खर्च करने के बाद भी वह अपने जीवन को बचा नहीं पाये !

इसलिए स्वर साधकों को अपने जीवनी ऊर्जा के आयाम को समझने के बाद ही जीवनी ऊर्जा के विकास के लिए स्वर साधना करनी चाहिए ! यदि जीवनी ऊर्जा के आयाम को समझे बिना स्वर साधना किया जायेगा, तो उससे जीवनी ऊर्जा का ह्रास्य भी हो सकता है ! जो व्यक्ति के आयु को क्षीर्ण कर सकता है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Check Also

मनुष्य मृत्युंजयी कैसे बनता है : Yogesh Mishra

सनातन शैव संस्कृति अनादि है, अनंत है और काल से परे है ! क्योंकि इस …

3 comments

  1. Petersen P, Boysen G, Godtfredsen J, Andersen ED, Andersen B buy cialis online without a prescription It s just that many doctors believe that the most aggressive tumors would probably reoccur during this time period

  2. This figure illustrates the definition for cohort entry, exposure status, and follow up buy real cialis online

  3. If it wasn t for Ye Fan, they might have been defeated in the first round frankincense oil in bath and become bottom buy cialis All of the experimental mice showed no loss of body weight, and body condition scoring was normal until they developed skin lesions