अदृश्य विश्व सत्ता हमें कैसे गुलाम बना रहा है : Yogesh Mishra

किसी भी षड्यंत्र को असफल करने के लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि वह षड्यंत्र रचा कैसे गया है ! उसका क्रियान्वयन कौन कर रहा है और उस क्रियान्वयन की प्रक्रिया क्या है ! उसमें कौन-कौन से लोग शामिल हैं ! उनके संसाधन क्या हैं ! उनके हथियार क्या हैं और उनके भविष्य की योजना क्या है !

जब हम किसी भी षड्यंत्र के विषय में इतनी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं ! तब हम उस षड्यंत्र से निकलने का रास्ता खोजते हैं ! सच्चाई तो यह है कि विश्व सत्ता के षड्यंत्र पर अभी तक हम लोगों ने गंभीरता से अध्ययन ही नहीं किया है ! बस हम बार-बार विश्व सत्ता के षड्यंत्र के परिणाम पर ही चर्चा करते आ रहे हैं खुद भयभीत होते हैं और दूसरों को भी भयभीत कर देते हैं !

लेकिन हमें इस षड्यंत्र को समझने के लिये तीन चीजों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है !

पहला आपको यह जानना चाहिये कि विश्व सत्ता का वर्तमान में लागू षड्यंत्र की योजना 100 वर्ष की है ! इसमें पृथ्वी पर सभी देशों के संसाधनों को अपने नियंत्रण में करने के लिये यह पूरा का पूरा षड्यंत्र रचा गया है !

इसीलिए विश्व के समस्त देश के मुखिया अपने अपने देशों के संसाधनों का आंकड़ा इकट्ठा करवा रहे हैं और उसका डिजिटलाइजेशन कर रहे हैं ! जिससे कि विश्व सत्ता के नुमाइंदे अपनी जगह बैठे-बैठे ही यह अनुमान लगा सकें कि आपके देश में कितने प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं और वह कहां कहां हैं ! उनका क्या मूल्य है और उनका भविष्य में क्या इस्तेमाल किया जा सकता है !

दूसरा किसी भी देश के नागरिकों का विरोध न हो इसके लिये उस देश की जनसंख्या को कम करने के लिए बहुत योजनाबद्ध तरीके से कार्य हो रहा है ! इसके तीन चरण हैं !

पहले चरण में 60 साल से अधिक उम्र के अनुभवी व्यक्तियों को समाप्त करना !
दूसरा बच्चों के अंदर प्रजनन क्षमता ही खत्म कर दी जाये ! जिससे कि आने वाली पीढ़ीयों का निर्माण न हो सके और तीसरा सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उस देश के अंदर जो लोग हैं उन्हें यंत्रों का उपयोग करके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा स्थाई रूप से अपने नियंत्रण में कर लेना ! उन लोगों के एक-एक गतिविधि पर निगाह रखना और उनसे अपने उद्देश्यों के अनुरूप कार्य लेना ! जो लोग आदेशों को न मानें उन्हें या तो कारावास में डाल देना या खत्म कर देना !

क्या आप जानते है कि पूरे विश्व के लिए एक ही कानूनी ढांचा बनाया जा रहा है ! अब आने वाले युग में आपकी संसद या विधानसभा आपके लिए कानूनों का निर्माण नहीं करेगी ! बल्कि विश्व सत्ता के संगठन आपके लिए कानून का निर्माण करेंगे !

जिसके उदाहरण स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं ! आज तथाकथित करोना काल में हम इस समस्या से निपटने के लिये क्या रणनीति अपनाएं यह विश्व स्वास्थ्य संगठन निर्धारित करता है ! न कि हमारी संसद या विधानसभा ! हम चाहे या न चाहे विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों की आवेह्लना नहीं कर सकते हैं !

ठीक इसी तरह भविष्य की हमारी आर्थिक नीति, व्यवसायिक नीति, राजनीतिक नीति, अंतर्राष्ट्रीय नीति, रक्षा नीति आदि सभी तरह की के नीतियों पर इन्हीं विश्व सत्ता के नुमाइंदों का नियंत्रण होगा और हमारे राजनेता बस विश्व सत्ता के दिशा निर्देश का पालन करेंगे ! जिन्हें हम अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे ! जैसे आज ग्राम प्रधान करते हैं !

भविष्य में हमारे संविधान का स्वरूप बदल दिया जायेगा ! अब विधि का निर्माण हम या हमारे जनप्रतिनिधि नहीं करेंगे ! हमारे जनप्रतिनिधियों की भूमिका बस उस डाकिए की तरह होगी जो हमारे जन भावनाओं को सदन तक पहुंचाएंगे लेकिन उन्हें निर्णय लेने का कोई अधिकार उन्हें नहीं होगा ! क्योंकि विश्वव्यापी अंतिम निर्णय अब विश्व सत्ता के नुमाइंदे करेंगे ! जो उन्हें रुचिकर लगे ! उसमें हमारी भावनाओं या सुविधाओं का कोई स्थान नहीं होगा !

हमारे पास अब आने वाली पीढ़ी नहीं होगी और यदि होगी तो वह पीढ़ी दार पीढ़ी भविष्य में उस विश्व सत्ता की गुलामी करेगी ! जिसे सरकारी नौकरी की तरह वैश्विक नौकरी कहा जायेगा ! जो विश्व सत्ता के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उनके मनमाफिक कार्य करेंगे और जो लोग उनके मनमाफिक कार्य नहीं करेंगे ! उन्हें खत्म कर दिया जायेगा !

न कोई परिवार होगा और न किसी भी संपत्ति पर किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत अधिकार होगा ! हर व्यक्ति के मन, मस्तिष्क और शरीर पर विश्व सत्ता का नियंत्रण होगा और संपत्ति बस उस व्यक्ति को प्रयोग करने के लिए दी जायेगी ! वह भी कुछ शर्तों के साथ ! और जो व्यक्ति उन शर्तों की अवहेलना करेगा ! उससे वह संपत्ति भी छीन ली जाएगी !

और यह सब कुछ अब डिजिटल होगा ! हमारे पास संग्रहित पूंजी जैसी कोई चीज नहीं होगी और न ही हमें धन संग्रह का अधिकार होगा ! हम अपने संग्रहित धन का अपनी स्वतंत्रता से प्रयोग भी नहीं कर सकें ! हमें अपने परिश्रम से संग्रहित धन का उपयोग एक निश्चित मानक के अनुसार करना होगा ! जैसा कि विश्व सत्ता के नुमाइंदे निर्धारित करेंगे !
सभी खाद्यान्नों पर विश्व सत्ता का नियंत्रण होगा और हमें दो वक्त का भोजन उनके रहमों करम और दिशा निर्देश पर मिलेगा यदि हम उनके दिशानिर्देश का पालन नहीं करेंगे तो तत्काल प्रभाव से हमें अनाज मिलना बंद कर दिया जाएगा हमारे सारे बैंक अकाउंट सीज कर दिए जाएंगे और हमारे पास मात्र एक डिजिटल अपील के बाद प्रायश्चित के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा !

यही हमारा भविष्य है ! इस षड्यंत्र को जितना जल्दी हम समझ लेंगे ! उतना अच्छा है ! अन्यथा विलंब हो जाने के बाद निकलने के सभी मार्ग बंद हो जाएंगे और हम पीढ़ी दर पीढ़ी के लिये विश्व सत्ता के गुलाम हो जाएंगे !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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