गर्भ काल में शिशु को कैसे पोषित व सुरक्षित करें !!

संतति का जन्म सनातन धर्म में एक आध्यात्मिक कार्य है ! आने वाली पीढ़ियों के उत्तरोतर सुधार के लिये सन्तान की उत्पत्ति की ज्योतिष-शास्त्र में आध्यात्मिक दृष्टि से विचार किया गया है ! इसके लिये गर्भमास के स्वामियों के अनुसार आध्यात्मिक उपाय अवश्य करना चाहिये !

हम सभी जानतें है कि गर्भ में बच्चा 9 महीने तक रहता है और दसवें मास में जन्म लेता है ! हमारे ब्रह्मांड के 9 ग्रह अपनी अपनी किरणों से गर्भ में पल रहे बच्चे को नौ माह तक विकसित करते हैं ! हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप बच्चे के शरीर के अंगों (भागों) को विकसित करते हैं ! अगर कोई ग्रह गर्भ में पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो उपाय से उसको ठीक किया जा सकता है ! मासानुसार गर्भ के स्वामी और उनकी अनुकूलता के उपाय इस प्रकार बताए गयें है –

यदि गर्भाधान से 1 महीने तक गर्भ पर शुक्र का प्रभाव रहता है ! अगर गर्भावस्था के समय शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत करना चाहिये ! अगर शुक्र मजबूत होगा तो बच्चा बहुत सुंदर होगा ! उस समय स्त्री को चटपटी चीजे खानी चाहिये ! शुक्र का दान न करे ! अगर दान किया तो शुक्र कमजोर हो जाता है ! दान सिर्फ उसी ग्रह का करे जो पापी और क्रूर हो क्योकि क्रूर ग्रहों के कारण गर्भपात का खतरा होता है !

यदि दूसरे महीने मंगल का प्रभाव रहता है ! मीठा खा कर मंगल को मजबूत करे, तथा लाल वस्त्र ज्यादा धारण करे !

यदि तीसरे महीने गुरु का प्रभाव रहता है ! दूध और मीठे से बनी मिठाई या पकवान का सेवन करे तथा पीले वस्त्र ज्यादा धारण करे !

यदि चौथे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है ! रसों का सेवन करे तथा महरून वस्त्र ज्यादा धारण करे !

यदि पांचवे महीने चंद्र का प्रभाव रहता है ! दूध और दही तथा चावल तथा सफ़ेद चीजों का सेवन करे तथा सफ़ेद या क्रीम कलर के वस्त्र धारण करे !

यदि छटे महीने शनि का प्रभाव रहता है ! कसैली चीजों, केल्शियम और रसों का सेवन करे तथा आसमानी वस्त्र ज्यादा धारण करे !

यदि सातवे महीने बुध का प्रभाव रहता है ! फल और फलों के रस का खूब सेवन करे तथा हरे रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करे !

यदि आठवें माह पर लग्नेश (गर्भाधान लग्न) का प्रभाव रहता है ! आठवें माह में लग्नेश की स्थिति के अनुसार कार्य करें !

यदि नवें महीने पर चंद्र का तथा दसवें महीने सूर्य का प्रभाव रहता है ! इस दौरान अगर कोई ग्रह नीच राशि गत भ्रमण कर रहा है तो उसका पूरे महीने यज्ञ करन चाहिये ! जितना गर्भ ग्रहों की किरणों के नकारात्मक प्रभाव से बचेगा उतना ही बच्चा महान और मेंधावी होगा !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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