क्या विश्व सत्ता के कार्यालय का निर्माण कार्य प्रारंभ हो रहा है : Yogesh Mishra

वर्ष 1994 से अमेरिका में एक अत्यंत विस्तृत तथाकथित एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है ! किंतु इस एयरपोर्ट की खास बात यह है कि ऊपर से तो यह एयरपोर्ट एकदम सामान्य एयरपोर्ट की तरह दिखाई देता है किन्तु इसके नीचे सात मंजिला भूमिगत बंकर बनाये जा रहे हैं ! जिसमें 10 लाख से अधिक व्यक्तियों के रहने की क्षमता होगी !

ताज्जुब की बात यह है कि इन सभी बंकरों का ग्रेविटी पावर अर्थात गुरुत्वाकर्षण शक्ति अलग-अलग है ! जैसा कि सुदूर अंतरिक्ष के दूसरे ग्रहों पर होता है और विभिन्न गुरुत्वाकर्षण शक्तियों के साथ साथ उन स्थानों पर का हवा का दबाव भी अलग-अलग है !

जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह भूमिगत बंकर किसी दूसरे ग्रहों से आने वाले नागरिकों के लिए निर्मित किये जा रहे हैं ! जो लोग दूसरे ग्रहों से आएंगे उन्हें इस पृथ्वी पर आकर अपने ग्रह जैसी गुरुत्वाकर्षण शक्ति और हवा के दबाव में अपने कार्य करने में सहज महसूस हो सके !

यहाँ 25,000 से अधिक भविष्य की उच्चतम तकनीकी के सुपर कम्प्यूटर भी स्थापित किए गए हैं ! जिन में प्रयोग किए जाने वाले हार्डवेयर भी वैसे नहीं है जैसे पृथ्वी के सामान्य सुपर कंप्यूटर में प्रयोग किया जाता है और इनमें भविष्य में प्रयोग किए जाने वाला सॉफ्टवेयर भी अभी तक विश्व में कहीं भी निर्मित नहीं हुये हैं ! ऐसा प्रतीत होता है कि इन सुपर कंप्यूटरों के अंदर जो सॉफ्टवेयर प्रयोग किया जाएगा, वह भी किसी दूसरे ग्रह का होगा ! स्वाभाविक है उन्हें चलाने वाले लोग भी किसी दूसरे ग्रह के ही होंगे !

क्योंकि जब वह तकनीक पूरे विश्व में कहीं है ही नहीं तो उसे पृथ्वी का आम कंप्यूटर चलाने वाला इंसान बिना किसी विस्तृत प्रशिक्षण के कैसे चलाएगा और यदि पृथ्वी के आम व्यक्तियों द्वारा उसे चलाए जाने का निर्णय लिया गया होता तो अब तक इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए लोगों को प्रशिक्षण देने का कार्य आरंभ हो गया होता !

इस एयरपोर्ट के मुख्य हल में लगे एक बड़े से टायल पर एक ट्रॉली पर A.U.A.G. लिखा हुआ है ! जो कि रसायन विज्ञान के अनुसार सोना और चांदी का रासायनिक सूत्र होता है ! अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जिस तरह वर्तमान समय पर पृथ्वी पर ऊर्जा के दो स्रोत हैं पहला पेट्रोलियम और दूसरा बिजली पूरी दुनिया इन्हीं दोनों ऊर्जा के स्रोतों से संचालित होती है !

लेकिन भविष्य में जो विश्व सत्ता की तकनीक आएगी ! उसमें ऊर्जा का स्रोत पेट्रोलियम और बिजली के स्थान पर सोने और चांदी से निकलने वाली ऊर्जा होगी ! लेकिन इस तरह का कोई भी विज्ञान अभी पृथ्वी के किसी भी कोने में विकसित नहीं हुआ है ! इसीलिए इससे यह सिद्ध होता है कि ऊर्जा की यह तकनीक विश्व के किसी दूसरे ग्रह की है ! जिसके लिए विश्व सत्ता के नुमाइंदे अभी से कार्य आरंभ कर चुके हैं !

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में सोने और चांदी का भंडारा विश्व सत्ता के नुमाइंदों द्वारा पूरी तेजी से शुरू कर दिया गया है ! यही वजह है कि पूरी दुनिया में लोग सोना चांदी न खरीद सकें और विश्व सत्ता के नुमाइंदों को यह सोना चांदी सहज उपलब्ध हो ! इसीलिए पूरी दुनिया में सोना चांदी के मूल्य में पिछले 30 वर्षों में कई गुने का उछाल कृत्रिम रूप से पैदा किया गया है !

किन्तु विश्व सत्ता के नुमाइंदे पूरी दुनिया से इकट्ठा किए जा रहे सोने और चांदी को कहां संग्रहित कर रहे हैं ! इसकी जानकारी विश्व के किसी भी व्यक्ति को नहीं है ! शायद वह स्थान इसी एयरपोर्ट के नीचे सात मंजिला बंकर में ही कहीं होगा ! जो भविष्य के उर्जा का मूल स्रोत होगा और इसी ऊर्जा के द्वारा भविष्य की सभी तकनीक संचालित होगी !

इस एयरपोर्ट का रनवे स्वास्तिक के आकार का है ! जो ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों का ग्रह चिन्ह है ! जिसे ब्रह्म संस्कृति के लोग अपने विरासत के रूप में पृथ्वी पर अपने साथ लेकर आए थे ! अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए कि ब्रह्मांड के दूसरे स्थानों पर जो लोग निवास कर रहे हैं ! उन्होंने अपने विरासत को नहीं छोड़ा है !

यही लोग एडोल्फ हिटलर के तकनीक मददगार भी थे ! तभी इन दूसरे ग्रहों पर रहने वाले लोगों को सम्मान देने के लिए एडोल्फ हिटलर ने अपना राजनीतिक प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक ही रखा था! बशर्ते वह उल्टा था जो कि प्रतिबिंब में सीधा दिखाई देता था !

वहां पर एक अजीबो गरीब पेंटिंग भी लगी हुई है ! जिसमें पूरी दुनिया के सभी बच्चे अपने अपने देश का झंडा और हथियार के साथ किसी महाशक्ति के आगे आत्मसमर्पण कर रहे हैं ! यह इस बात को स्पष्ट करता है कि विश्व सत्ता को चलाने वालों की यह कल्पना है कि जब उनका शासन आरम्भ हो जाएगा तो पूरी दुनिया की सभी देश उनके सामने हथियार और झंडे के साथ आत्मसमर्पण कर देंगे !

और फिर पूरी दुनिया में एक ही देश, एक ही धर्म, एक ही कानून, एक ही मुद्रा को स्थापित किया जाएगा जो कि पूरी दुनिया के सारे देशों को समाप्त करके एक वैश्विक देश का निर्माण करेंगे ! जो उच्चतम तकनीक के द्वारा संचालित व नियंत्रित होगा !

किंतु इस वैश्विक देश की कुल आबादी अधिकतम पचास करोड़ होगी और वैश्विक देश के नागरिकों के मस्तिष्क के अंदर एक चिप लगा होगा, जो कि विश्व सत्ता के गुप्त कार्यालय के सुपर कंप्यूटर से जुड़ा होगा !

जिसके द्वारा व्यक्ति को क्या कार्य करना है ! इसके दिशा निर्देश निरंतर प्राप्त होते रहेंगे और जो व्यक्ति उस दिशा निर्देश के विपरीत कोई भी चिंतन करेगा ! उसकी जानकारी उस सुपर कंप्यूटर के माध्यम से विश्व सत्ता के नुमाइंदों को होती रहेगी और वक्त के साथ यदि कोई व्यक्ति विश्व सत्ता के विरोधी विचारों से ओतप्रोत होगा तो उसे मात्र एक क्लिक से खत्म कर दिया जायेगा !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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