जानिए विश्व सत्ता की पैशाचिक कार्य योजना : Yogesh Mishra

आज आपको विश्व सत्ता की पैशाचिक कार्य योजना के खौफनाक मंसूबों से अवगत करवा रहा हूँ ! कि कैसे यह लोग विश्वविजय का सपना लेकर चल रहे हैं और इनकी क्या कार्य योजना है ! जिसे हम सोच भी नहीं सकते ! समझने की तो बात ही अलग है !

योजना नंबर-1 :- पूरी दुनिया में सिर्फ एक ही धर्म (ईसाईयत) स्थापित हो !

योजना नंबर-2 :- पूरी दुनिया में एक ही सरकार स्थापित हो !

योजना नंबर-3 :- पूरी दुनिया के लिये एक करेंसी को लागू हो !

योजना नंबर-4 :- डीपापुलेशन अर्थात विश्व की आबादी मात्र 50 करोड़ हो !

योजना नंबर-5 :- पूरी दुनिया के प्राक्रतिक संसाधन इनके नियंत्रण में हो !

योजना नंबर-6 :- बच्चों के पाठ्यक्रम में सेक्स एजुकेशन के नाम पर कामुकता को बढ़ाया जाये ! जिससे युवा इनका विरोध न करें !

योजना नंबर-7 :- हर जगह नशीले पदार्थ की उपलब्धता सहज हो !

योजना नंबर-8 :- समलैंगिकता को स्थापित हो !

योजना नंबर-9 :- परिवार प्रथा या विवाह प्रथा खत्म हो ! लिव इन रिलेशनशिप को बढ़ावा मिले !

योजना नंबर-10 :- लोगों का स्वतन्त्र चिंतन खत्म हो !

योजना नंबर -11 :-सभी की पहचान एक सुनिश्चित कोड अर्थात आर.एफ.आईड. चिप से हो ! जो सभी के दायें हाथ में इंम्पलान्ट की जायेगी !

योजना नंबर-12 :- नारीवाद एवं नौकरीपेशा महिलाओं को बढ़ावा देना !

योजना नंबर-13 :- व्यक्तिगत सम्पत्ति रखने का अधिकार ख़त्म हो !

योजना नंबर-14 :- ऊर्जा, ज्ञान, चिकित्सा व संसाधनों में व्यक्ति की आत्मनिर्भरता ख़त्म हो !

योजना नंबर-15 :- भविष्य का सम्पूर्ण नियंत्रण तकनीकी के हाथों में हो !

इसी तरह के और भी कई एजेंडे हैं ! जिन्हें इलुमिनाटी अपने मक़सद के लिये तैयार कर लागू करवा रहा है !

भारत और चीन दुनिया के सबसे बड़े बाजार हैं ! जहां पर यह अपने ऐसे उत्पादों को बेचने के लिये तैयार करते रहे हैं ! जिन्हें वह खुद अपने देशों में बैन कर देते हैं ! जैसे कृषि में प्रयोग किये जाने वाले रासायनिक खाद व कीटनाशक, खतरनाक एलोपैथी दवाइयाँ, विनाशकारी शिक्षा पध्यति आदि आदि !

ऐसे ही एक सबसे ख़तरनाक चीज है टीकाकरण ! जोकि WHO के द्वारा भारत एवं पूरी दुनिया में छोटे बच्चों को जन्म के समय से पांच बर्ष तक लगाये जाते हैं ! असल में इन टीकों में निष्क्रिय वाइरस होता है जिसे यह डीपापुलेशन योजना के तहत सभी में इंजेक्ट करवा रहे हैं ! यह टीके समय के साथ व्यक्ति और बच्चों के आनुवंशिक गुणों में परिवर्तन कर देते हैं ! और आने वाली पीढ़ी में नये नये रोग पैदा होने लगते हैं ! जबकि हमारे यहाँ स्वर्ण प्रासन की व्यवस्था थी !

ऐसे ही एड्स भी इनके डीपापुलेशन योजना के तहत एक प्रायोगिक लैब परीक्षण का परिणाम था ! जिससे कैसे विश्व जनसंख्या पर नियंत्रण पाया जा सके और इस एजेंडे के तहत ज्यादातर इन वाइरसों को इल्युमिनिती अपने गुप्त संस्था के अंदर तैयार करवाते हैं ! और इन वैक्सीनों के द्वारा पूरे अनैच्छिक विश्व में भारी मात्रा में पहुंचाते हैं !

इसी तरह का काम विश्व की अर्थव्यवस्था को कंट्रोल करने के लिये भी हो रहा है ! जिसके तहत अब रूपये के भुगतान को खत्म करने का काम चल रहा है और इसके स्थान पर कैश लेश अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है ! जिसके लिये पूरी दुनिया में अलग अलग नाम से रिजर्व बैंक पहले से ही स्थापित किया जा चुका है ! जोकि विश्व वैंक के अधीन काम करता है ! जो कि पूरी दुनिया की करेंसी और सोने के भंडारों को नियंत्रित करता है !

इसी तरह भविष्य में आधार कार्ड की तरह ही विश्व के हर देश के हर नागरिक को एक वैश्विक पहचान कोड दी जायेगी ! और उससे हर एक व्यक्ति पर निगरानी रखी जायेगी ! यह लोग पूरे विश्व को इस प्रकार नियंत्रित करेंगे कि आम जनता को पता भी न चले और व्यक्ति बस एक यांत्रिक गुलाम बन कर रह जाये ! और अपना पूरा जीवन इनके उद्देश्यों के लिये काम करता रहे !

इसी तरह सूचना तंत्र के हमले द्वारा कोई भी व्यक्ति अब स्वयं का स्वतन्त्र चिंतन नहीं कर पायेगा ! कोई भी व्यक्ति जैसा कि विश्व सत्ता के लोग चाहते हैं ! वैसा ही किसी भी घटना को देखे, समझे, सोचे, विश्लेषण करे और निष्कर्ष निकाले ! यदि इससे अलग हटकर कोई व्यक्ति किसी अन्य निष्कर्ष को निकालने हेतु कोई विश्लेषण करता है ! तो वह व्यक्ति इस विश्व सत्ता के लिए दुश्मन है और यह विश्व सत्ता उस व्यक्ति को खत्म करने के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती है ! फिर वह चाहे किसी भी देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ही क्यों न हो !

अगर आप सोच रहे हैं कि यह सब व्यर्थ की बातें हैं तो जरा अपने आस पास के वातावरण को गौर से देखिये और थोड़ा सा चिंतन कीजिये ! यह सारे काम जो आपके इर्द गिर्द ही हो रहे हैं ! कई तो आप स्वयं भी कर रहे हैं ! विचार कीजिये आप किसी कार्य को निश्चित तरीके से ही करने के लिये ही क्यों बाध्य हैं ? जैसे जब पुलिस आपकी सुरक्षा नहीं कर रही है तब भी आप टैक्स क्यों देते हैं ? सड़क टूटी है फिर भी आप रोड टैक्स देते हैं ! बिजली नहीं आती है फिर भी बिल देते हैं ! न्यायालय में न्याय नहीं मिलता फिर भी आप मुक़दमा लड़ते हैं ! आदि आदि

विचार कीजिये आपके ऊपर कौन शासन कर रहा है ? और क्या आप उनके द्वारा लिये जाने वाले निर्णयों से खुश न होते हुये भी उन्हें मानने के लिये बाध्य नहीं हैं ? आखिर ऐसा करने के लिये कौन बाध्य करता है ? जब आप इन सब को समझेंगे तब तक आप विश्व सत्ता के विचार विहीन, भावना विहीन, परिस्थितियों के दास एक पालतू नागरिक बन चुके होंगे !

इस वैश्विक शासन का ढांचा पहले ही बुना जा चुका है ! जैसे कि देखते ही देखते आपके देश की कम्पनियाँ और आपके प्राकृतिक संसाधन आपके ही नेता बेच रहे हैं और फिर भी भारत अभी भी विश्व बैंक के कर्जे में है ! यह सभी नीतियां उसी विश्व सत्ता की हैं ! जिन्हें हमारे देश के नेता मात्र क्रियान्वित कर रहे हैं ! हम सभी आज भी अप्रत्यक्ष रूप से इसी विश्व सत्ता के गुलाम बनाये हुये हैं !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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