संतान सुख के लिये नारायण नागबलि अनुष्ठान : Yogesh Mishra

नारायण नागबली छविनारायण नागबलि यह दोनो अनुष्ठान पद्धतियां संतान सुख की अपूर्ण इच्छा, कामना पूर्ति के उद्देश से किय जाते हैं ! इसीलिए यह दोनो अनुष्ठान काम्य प्रयोग कहलाते हैं ! वस्तुत: नारायणबलि और नागबलि यह अलग-अलग पूजा अनुष्ठान हैं ! नारायण बलि का उद्देश मुखत: पितृदोष निवारण करना है ! और नागबलि का उद्देश सर्प शाप, नाग हत्या का दोष निवारण करना है ! इन में से केवल एक नारायण बलि या नागबलि अकेले नहीं कर सकते, इस लिए यह दोनो अनुष्ठान एक साथ ही करने पड़ते हैं !

पितृदोष निवारण के लिए ही नारायण नागबलि अनुष्ठान करने के लियह शास्त्रों मे निर्देशित किया गया है ! प्राय: यह अनुष्ठान जातक के पूर्वजन्म के दुर्भाग्य संबधी दोषों से मुक्ति दिलाने के लिए कियह जाते हैं ! यह अनुष्ठान किस प्रकार व कौन इन्हें कर सकता है? इसकी पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है ! यह अनुष्ठान जिन जातकों के माता पिता जिवित हैं, वे भी विधिवत सम्पन्न कर सकते हैं, यज्ञोपवीत धारण करने के बाद कुंवारा ब्राह्मण यह अनुष्ठान सम्पन्न करा सकता है ! संतान प्राप्ति एवं वंशवृद्धि के लिए यह अनुष्ठान सपत्नीक करने चाहीयें ! यदि पत्नी जीवित न हो तो कुल के उद्धार के लिए पत्नी के बिना भी यह कर्म कियह जा सकते हैं ! यदि पत्नी गर्भवती हो तो गर्भ धारण से पाचवें महीने तक यह अनुष्ठान किया जा सकता है ! घर में कोई भी मांगलिक कार्य हो तो यह अनुष्ठान एक साल तक नही कियह जाते हैं ! माता या पिता की मृत्यु् होने पर भी एक साल तक यह अनुष्ठान करने निषिद्ध माने गयह हैं !

दोनों प्रकार यह अनुष्ठान एक साथ और निम्नलिखित इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए कियह जाते हैं :-

1. काला जादू के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए !
2. संतान प्राप्ति के लिए !
3. भूत प्रेत से छुटकारा पाने के लिए !
4. घर के किसी व्यक्ति की दुर्घटना के कारण मृत्यु होती है (अपघात, आत्महत्या, पानी में डूबना) इस की वजह से अगर घर में कोई समस्याए आती है तो, उन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यह अनुष्ठान किया जाता है !

संतान प्राप्ति के लिए :-

सनातन मान्यता के अनुसार प्रत्येक दम्पत्ती की कम से कम एक पुत्र संतान प्राप्ति की प्रबल इच्छा होती है, और इस इच्छा की पूर्ति न होना दम्पत्ती के लिए बहुत दुःखदाई होता है, हालांकि इस आधुनिक युग में टेस्ट ट्यूब बेबी जैसी उपचार पद्धतियां उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ जोड़ों की कमाई के हिसाब से यह बहुत खर्चीली होती हैं ! इस लियह बहुत से लोग इन महेंगे उपचारों के कारण खर्च करने में समर्थ नहीं होते, और कुछ इस के लिए कर्जा लेते हैं, लेकिन जब कभी इस महेंगे उपचारों का भी कोई लाभ नहीं होता, तब यह जोड़े ज्योतिषीयों के पास जाते हैं, और एक अच्छा अनुभवी ज्योतिषी ही इस समस्या का समाधान और उपचारों की विफलता का कारण बता सकता है !

शास्त्र कहते हैं :- जहां रोग है, वहां उपचार भी है ! इसी नियम को ध्यान में रखते हुऐ हमारे पूर्वज ऋषियों ने इन समस्याओं के समाधान हेतु ज्योतिष शास्त्र में कुछ विशेष उपाय सुझाए हुए है, सब से पहेले ज्योतिषी यह देखते हैं की इस की पीड़ित दंपति की जन्म कुंडली में संतान प्राप्ति का योग है या नहीं? अगर है, तो गर्भधारण करने में समस्या का कारण क्या है? जैसे की पूर्व जन्म के पाप, पितरों का श्राप, कुलविनाश का योग, इनमें से कोई विशेष कारण पता चलने के बाद वह उस समस्या का निराकरण सुझाते खोजते हैं ! इन उपायों में से नारायण नागबली सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है ! यदि यह अनुष्ठान उचित प्रकार से और मनोभाव से किया जाए, तो संतानोत्पत्ति की काफी संभावनाए हो जाती हैं !

भूत-प्रेत बाधा के कारण संतानोत्पत्ति में रूकावटें :-

कोई स्थाई अस्थाई संपत्ति जैसे के, घर जमीन या पैसा किसी से जबरन या ठग कर हासिल की जाती है तो, मृत्यु पश्चात् उस व्यक्ति की आत्मा उसी संपत्ति के मोह रहती है, उस व्यक्ति को मृत्यु पश्चात् जलाया या दफनाया भी जाए तो भी उस की इच्छाओं की आपूर्ति न होने के कारण उस की आत्मा को माया से मुक्ति नहीं मिल पाती, और वह आत्मा प्रेत योनी में भटकती है, और उस के पतन के कारण व्यक्ति को वह पीड़ा देने लगती है, यदि किसी शापित व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात् उसकी अंतेष्ठि विधि शास्त्रों अनुसार संपन्न न हो, या श्राद्ध न किया गया हो, तब उस वजह से उस से सम्बंधित व्यक्तिओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि– संतति का आभाव, यदि संतान होती भी है, तो उस का अल्प जीवी होना या संतति का न होना ही है !

1. काफी कष्टों के बावजूद आर्थिक अड़चनों का सामना करना
खेती में नुकसान !
2. व्यवसाय में हानि, नौकरी छूट जाना, कर्जे में डूब जाना,
परिवार में बिमारीयाँ !
3. मानसिक या शारीरिक परेशानी, विकलांग संतति का जन्म होना, या अज्ञात कारणों से पशुधन का विनाश !
4. परिवार के किसी सदस्यों को भूत बाधा होना !
5. परिवार के सदस्यों में झगड़े या तनाव होना !
6. महिलाओं में मासिक धर्म का अनियमित होना, या गर्भपात होना !
ऊपर लिखे हुयह सभी या किसी भी परेशानी से व्यक्ति झूंज रहा हो तोतो, उसे नारायण-नागबली करने की सलाह दी जाती है !

श्राप सूचक स्वप्न
कोई व्यक्ति यदि निम्नलिखित स्वप्न देखता है, तो वह पिछले या इसी जन्म में श्रापित होता है :-
1. स्वप्न में नाग दिखना, या नाग को मारते हुवे दिखना, या टुकड़ो में कटा हुवा नाग दिखना !
2. किसी ऐसी स्त्री को देखना, जिसके बच्चे की मृत्यु हो गई है, वह उस बच्चे के प्रेत के पास बैठ कर अपने बच्चे को उठने को कह रही है, और लोग उसे उस प्रेत से दूर कर रहे है !
3. विधवा या किसी रोगी सम्बन्धी को देखना !
4. किसी ईमारत को गिरते हुए देखना !
5. स्वप्न में झगड़े देखना !
6. खुद को पानी में डूबते हुयह देखना !
इस प्रकार के स्वप्नों से मुक्ति पाने के लिए नारायण-नागबली अनुष्ठान किया जाता है ! धर्मसिंधु और धर्मनिर्णय इन प्राचीन ग्रंथो में इस अनुष्ठान के विषय में लिखा हुआ है !

दुर्मरण :-

किसी भी प्रकार से दुर्घटना यदि मृत्यु का कारण हो, और अल्पायु में मृत्यु होना दुर्मरण कहा जाता है ! किसी मनुष्य की इस प्रकार से मृत्यु उस मनुष्य के परिवार के लिए अनेक परेशानियों का कारण बनती है ! निम्नलिखित कारण से आने वाली मृत्यु दुर्मरण कहलाती है :-

1. विवाह से पहले मृत्यु होना !
2. परदेस में मृत्यु होना !
3. गले में अन्न अटक कर श्वास रुकने से मृत्यु होना !
4. पंचक, त्रिपाद या दक्षिणायन काल में मृत्यु होना !
5. आग में जल कर मृत्यु होना !
6. किसी खतरनाक जानवर के हमले से मृत्यु होना !
7. छोटे बच्चे का किसी के हाथों मारा जाना !
8. पानी में डूब जाने से मृत्यु होना !
9. आत्महत्या करना !
10. आकाशीय बिजली गिरने या बिजली के झटके से मृत्यु !

यह सब कारण हैं, जिसके कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो, परिवार में आर्थिक, मानसिक वा शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं, इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए शास्त्र अनुसार नारायण-नागबली करवाने की सलाह दी जाती है ! अतः योग्य ब्राह्मण से यह पूजन करवाना चाहिये !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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