कृतिम परकाया प्रवेश की तैय्यारी : Yogesh Mishra

किसी व्यक्ति की आत्मा का किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करना या करवाना ही ‘पर-काया प्रवेश’ कहलाता है !
इस संबंध में नाथ सम्प्रदाय के आदि गुरु मुनिराज ‘मछन्दरनाथ’ के विषय में कहा जाता है कि उन्हें परकाया प्रवेश की सिद्धि प्राप्त थी, सूक्ष्म शरीर से वह अपनी इच्छानुसार विभिन्न शरीरों में गमनागमन करते थे !

कहा जाता है कि एक बार उन्होंने अपने शिष्य गोरखनाथ को स्थूल शरीर की सुरक्षा का भार सौंपकर एक मृत राजा के शरीर में सूक्ष्म शरीर से प्रवेश किया था !

ऐसा ही एक वर्णन महाभारत के शान्ति पर्व में भी आता है कि सुलभा नामक विदुषी अपने योगबल की शक्ति से राजा जनक के शरीर में प्रविष्ट कर विद्वानों से शास्त्रार्थ करने लगी थी ! उन दिनों राजा जनक का व्यवहार भी स्वाभाविक न था !

इसी तरह एक उल्लेख योगवाशिष्ठ नामक ग्रंथ में मिलता है ! चूडाला राजा शिखिध्वज की पत्नी थी ! राजा शिखिध्वज एक बार ध्यान में लीन हुए तो काफी दिनों तक ध्यान मुद्रा में ही रह गए ! काफी कोशिश के बाद भी जब वह चेतना में नहीं लौटे तो उनकी पत्नी चूडाला जो योग विद्या में निपूर्ण थी उन्होंने अपनी आत्मा को राजा शिखिध्वज के शरीर में प्रवेश करवा दिया और उनकी चेतना को जगाकर वापस अपने शरीर में लौट आई !

इसी तरह आदि गुरु शंकराचार्य के भी परकाया प्रवेश करने का वर्णन हमारे इतिहास में मिलता है, किन्तु अब मनुष्य में वह मानसिक शक्ति या नहीं बची कि वह परकाया प्रवेश कर सकें ! अतः इस पर काया प्रवेश को करने के लिए अब मनुष्य विज्ञान का सहारा ले रहा है !

आपके नेचरल सेल्स(cells) को पूरी तरह से बदल कर, उसकी जगह नैनो बोट्स आर्टिफिशियल सेल्स लेंगे,जिसमे आपकी पूर्व तमाम मेमरिज को ट्रांसमिट किया जाएगा नैनोबॉट्स आपको लंबे से लंबे काल तक जीवित रखेंगे ! यह सोचने में मजाक लग रहा है, महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट वास्तव में एरिजोना के रण(अमरीका) में कहीं लैब में वास्तब में आकार ले रहा है !

जिसके तहत आपकी मृत बॉडी को जमाया जाएगा जिसे क्रायोप्रिजर्व कहते है,जिसमे शरीर के तमाम ब्लड सेल्स निकाले जाते है एन्टीफ्रीज़ प्रिजर्वेटिव करके शरीर को एक कोल्ड टैंक में रखा जाएगा वर्तमान में यह प्रोजेक्ट प्राम्भिक स्तर पर है इसलिए यह लोग केवल बॉडी जमाने का काम कर रहे है भविष्य में जब विज्ञान और विकसित होगा तब इनको वापिस निकाला जाएगा !

तब आपके सेल्स की जगह नैनो बोट्स स्वॉर्म अर्थात नैनो बोट्स कंप्यूटर्स वो इलेक्ट्रो मैग्नेटिक से एक दूसरे से जुड़े रहेंगे जो पूर्व मेमरी के आधार पर आपके जीवन का नियंत्रण करेगा, यह सोचने की बात होगी कि भविष्य में यह प्रोजेक्ट सफल होता है तो आप अमर होंगे पर यह भी निश्चित है कि पूरा दिन का खाना एक छोटी सी गोली में समेटा जाएगा, यह प्रोजेक्ट भी विचारणा अंतर्गत है !

यह विज्ञान भविष्य के कृतिम बुद्धित्ता से भरपूर है ! यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अमरत्व के लिए पूरा डिज़ाइन किया जा रहा है, हालांकि प्रकृति के नियम से विरुद्ध है !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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