रावण दहन हिंदुओं की क्षद्म हिंसा : Yogesh Mishra

आज दशहरा को करोड़ों हिंदू रावण का पुतला जलाने जाएंगे ! अब तो मैं देखता हूं कि सड़कों के किनारे 50- 50 रुपए में रावण के छोटे पुतले भी मिलने लगे हैं ! जिसे ए.सी. कार में बैठे हुए लोग अपने पारिवारिक मनोरंजन के लिए घर जलाने के लिए ले जाते हैं !

लेकिन यह वह लोग हैं, जिन्हें रावण के विषय में रंच मात्र भी जानकारी नहीं है और न ही इनके पास वह बौद्धिक स्तर है कि रावण के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकें !

किंतु मात्र 400 वर्ष पुरानी परंपरा के तहत यह लोग भी अपने घर की बालकनी और छत पर रावण का पुतला जलाने लगते हैं !

यह पुतला का जलाना इनके क्षद्म हिंसक मनोरोगी होने का सूचक है ! यह वह डरपोक लोग हैं, जो खुलेआम अपनी बहू बेटियों की इज्जत पर हाथ डालने वालों के लिए तो थाने में गिड़गिड़ा कर एप्लीकेशन देते हैं और महिला हिंसा के विरुद्ध घर पर रावण का पुतला जलाते हैं !

इनमें से न जाने कितने तो अपने ही पारिवारिक या अड़ोस पड़ोस के अवैध संबंधों में लिप्त हैं ! फिर भी रावण का पुतला जलाकर अपने को धार्मिक सिद्ध करने की कोशिश में लगे हुये हैं !

यह धूर्त, स्वार्थी, लोभी, मक्कार, बेईमान समाज दोगला और क्षद्म जीवन जीता है ! एक तरफ तो रावण का पुतला जला कर यह लोग बेईमानी पर ईमानदारी के जीत का तथाकथित उत्सव मनाते हैं ! और दूसरी तरफ खुद गंदे से गंदे स्तर की बेईमानी करने के दूसरों की सम्पत्ति हड़पने का षड्यंत्र रचते हैं !

हिंदुओं का यही दोगला व्यक्तित्व ही हिंदू धर्म के सर्वनाश का कारण है !
रावण का पुतला जलाने वाले न तो रावण जैसे विद्वान हो सकते हैं और न ही दसियों पीढ़ी के पुरुषार्थ के बाद भी रावण जैसा वैभव प्राप्त कर सकते हैं !

न ही इनमें रावण जैसी उदारता और साहस है और न ही परिवार को एक साथ लेकर चलने की हिम्मत ! इन मूर्खों में न तो परा ज्ञान की समझ है और न ही सांसारिक विज्ञान की समझ !
बल्कि जिस माचिस की तीली से यह लोग रावण का पुतला जलाते हैं, उस माचिस को बनाने का विज्ञान भी इन्हें पता नहीं है !

यह पुतले जलाने वाले तो यह भी नहीं जानते हैं कि वह एक मानसिक रोगी व्यक्ति हैं, तभी तो उन्हें क्षद्म में हिंसा में आनंद की प्राप्ति होती है !

और एक मानसिक रोगी व्यक्ति यदि किसी भी कार्य को करता है तो समाज को उसका बुरा नहीं मानना चाहिए यही सामाजिक व्यवस्था है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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