धर्म का त्याग ही हमारे विनाश का कारण है ! : Yogesh Mishra

हिन्दुओं के सभी प्रमुख गुणों को मुसलमान, ईसाई और बौद्धों ने अपनाया और संसार में छा गए और हिन्दू इन्हें त्याग कर बर्बाद होने की कगार पर हैं ! हम यज्ञोपवीत, उपनयन या जनेऊ करवा कर सात से ग्यारह वर्ष के बच्चों को गुरुकुल भेजते थे लेकिन भौतिकवादी युग यानि आज ज्यादातर जगहों पर अब बंद है !

दूसरी तरफ मुसलमान और ईसाई नियम से मदरसा व् मिशन स्कूल में पहले धर्म की शिक्षा देते हैं ! मदरसे, मिशनरी स्कूल हजारों लाखों की संख्या में खुल गए ! हिन्दुओं के बच्चे भी उसी में शौक से जा रहे हैं और सेकुलरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है ! प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी के लिए अनिवार्य गायत्री महामंत्र की त्रिकाल संध्या (सुबह, दोपहर, शाम तीनों समय जप-ध्यान) समाप्त होती नजर आ रही है ! वहीं दूसरी तरफ उनकी पाँच वक्त की नमाज और रोज की प्रेयर शुरू !

सप्ताह में कम से कम एक दिन, पूजा, सत्संग, संगठन के लिए मंदिर जाना बंद ! लेकिन दूसरी तरफ उनका जुमे के दिन नमाज मस्जिद में, और रविवार की प्रार्थना चर्च में नियमित होती है ! साधू-संत-गुरु जनों का आदर बंद हो गया है अब तो हिन्दू अपने साधू संतो का अपमान खुले आम करते हैं और उपहास करते हैं !

दूसरी तरफ उनके मौलवी, पादरी को भरपूर सम्मान मिलता है ! घरेलू समारोहों में धर्म-चर्चा बंद (केवल रटी-रटायी सत्यनारायण कथा, अखंड रामायण पाठ या कीर्तन)। दूसरी तरफ उनके मौलाना की मिलाद (सत्संग) और पादरी का प्रवचन नियम से होते हैं !

देवता, धर्म-गुरु का अपमान होने पर जुबान खींच लेना बंद !दूसरी तरफ उनका ईश निंदा कानून ! धर्म विरुद्ध एक भी बात बर्दाश्त नहीं ! धर्म और साम्राज्य विस्तार के लिए अश्वमेध यज्ञ से पूरी पृथ्वी पर साम्राज्य विस्तार का लक्ष्य समाप्त। दूसरी तरफ उन्होंने धर्म और राजनीति को जोड़कर दारुल इस्लाम और पूरे संसार को इसाई बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया !

पिछले 67 वर्षों में कांग्रेस सरकार की हिन्दू विरोधी, षड्यंत्रकारी नीतियों से, विद्यालयों में हिन्दू विरोधी पाठ्यक्रम और शिक्षा से हिन्दुओं को सेकुलर बना दिया ! दूसरी तरफ उन्हें अल्पसंख्यक के नाम पर भरपूर सरकारी अनुदान देकर उनकी धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा देकर और कट्टर बना दिया ! इसीलिए संसार में हिन्दुओं का एक भी देश नहीं दूसरी तरफ मुसलामानों के 56 देश और ईसाईयों के विश्व में 150 से अधिक देश हैं !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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