भविष्यद्रष्टा ऋषियों ने जब भविष्य पुराण की रचना की गई तो कलयुग के आगमन और यवन,मलेच्छ, तुर्की पुर्तगाली, फिरंगी आदि के भारत आने और भारत के खण्ड-खण्ड होने की भविष्यवाणी की गई तब ऋषियों को यह चिन्ता हुई कि भारत का ईश्वरीय ज्ञान कुपात्रों के हाथ न चला जाये इसलिए …
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