ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रारम्भिक दिनों में ही ईसाई मिशनरियों को ब्राटिश चार्टर एक्ट 1813 द्वारा लोगों को क्रिश्चियन बनाने और अँग्रेजी पढ़ाने की अनुमति दी गयी थी जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया था । इसके बाद तो अंग्रेजों ने भारत की जनता के पैसों पर ही एक “इक्लेज़्टिकल …
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