कर्म विपाक (कर्म परिणाम ग्रन्थ ) मनुष्य को विवध रोगों की प्राप्ति का कारण बतलाता है रोग शरीर में हों या मन में इनके बीज अचेतन मन की परतों में छुपे होते हैं। आयुर्वेद को व्यवस्थित रूप देने वाले महर्षि चरक के अनुसार पिछले जन्मों के पाप इस जन्म में …
Read More »