संन्यास का तात्पर्य पलायन नहीं है | सहज सन्यासी एक स्वतंत्र रूप से विकसित मनुष्य है जो किसी भी सामाजिक या धार्मिक बंधनों में बंध कर अपने व्यक्तित्व का विनाश नहीं करता है | आज हमारे समाज में “धर्म और समाज की मान्यताएं” इतनी हावी हो गई है कि वह …
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