मित्रो भारत के महाऋषि श्री वागभट्टाचार्य द्वारा रचित रसायन शास्त्र के प्रमुख आयुर्वेदिक ग्रंथ ”रसरत्नसमुच्चय” के 23 वें अध्याय में नेत्र रोगों की संख्या का वर्णन किया गया है । जिसके अनुसार नेत्र के कृष्ण पटल पर 5, नेत्र की संधियों में 9, नेत्र के संपूर्ण श्वेत पटल पर 13, …
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