महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास.-4 के पृष्ठ- 96,97 पर लिखा है कि वेदाध्ययन के समाप्त होने पर ही व्यक्ति को गृहस्थ में प्रवेश करना चाहिये ! सोलह से चौबीस वर्ष तक कन्या और पच्चीस से अड़तालीस वर्ष तक पुरुष का विवाह उत्तम है ! विवाह की उत्तम आयु तक …
Read More »दयानन्द की मृत्यु ठण्ड लगने और इंफेक्शन अर्थात संक्रमण से हुई थी ! Yogesh Mishra
सन् 1897 में श्री देवेन्द्र नाथ मुखोपाध्याय ने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम ‘‘दयानन्द चरित’’ था ! यह पुस्तक बंगला भाषा में लिखा था ! इसका अनुवाद सन् 2000 में 103 वर्ष पश्चात् बाबू घासी राम एम.ए., एल.एल.बी. ने हिन्दी में किया ! जिस पुस्तक के सम्पादक हैं डा.(प्रो.) भवानी …
Read More »शैवों का साहित्य निर्माण कभी रुका नहीं : Yogesh Mishra
कहा जाता है कि शैव उपासक रावण पर भगवान राम के विजय के बाद वैष्णवों के धर्म अनुयायियों में एक से एक वैष्णव उपासना पद्धति और वैष्णव साहित्यों का निर्माण किया है जबकि वैष्णव राज सत्ता का समर्थन न मिलने के कारण शैवो ने साहित्य निर्माण बंद कर दिया लेकिन …
Read More »शैव तन्त्र बदनाम कैसे हुआ ? : Yogesh Mishra
जिसे आम लोग तंत्र के नाम से जानते हैं वह है जादू-टोना, जिसका कोई दार्शनिक और वैज्ञानिक आधार नहीं है और जिसकी बुनियाद में सदियों से चले आते अंधविश्वास हैं ! जबकि तंत्र वास्तव में अंधविश्वास को तोड़ता है ! तंत्र निराकार, सर्वव्यापी परब्रह्म को जानने का क्रांतिकारी और वैज्ञानिक …
Read More »आर्य समाज का पाखण्ड -4 आर्य समाज और दयानंद ने पाखंड और अंध विश्वास का विरोध किया !
सत्यता : कोई अगर अपनी श्रध्दा और विश्वास से सुख पूर्वक जी रहा है और वह पत्थर में भी देवता देख रहा है, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है ? तुम्हें नहीं मानना मत मानो, कोई कहने भी नहीं आ रहा है कि तुम भी मानो ही ! …
Read More »अनादि ग्रन्थ वेदों में ज्योतिष का ज्ञान : Yogesh Mishra
वैदिक दर्शन के परिचय के लिये यह वेदान्गी भूत ज्योतिष दर्शन सूर्य के समान प्रकाश देने का काम करता है,अतएव इसे वेद पुरुष या ब्रह्मपुरुष का चक्षु: (सूर्य) भी कहा गया है ! ज्योतिषामयनं चक्षु: सूर्यो अजायत,इत्यादि आगम वचनों के आधार से त्रिस्कंध ज्योतिष शास्त्र के के प्रधान प्रमुख सर्वोपादेय …
Read More »भूत विज्ञान को समझाना है तो अथर्ववेद पढ़िये : Yogesh Mishra
अथर्ववेद संहिता हिन्दू धर्म के पवित्रतम और सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदों में से चौथे वेद अथर्ववेद की संहिता अर्थात मन्त्र भाग है ! इसमें देवताओं की स्तुति के साथ जादू, चमत्कार, चिकित्सा, विज्ञान और दर्शन के भी मन्त्र हैं ! अथर्ववेद संहिता के बारे में कहा गया है कि जिस राजा …
Read More »नहीं होता है मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण : क्या है सत्य : Yogesh Mishra
सूर्य के उत्तरायण के आरंभ के सम्बन्ध में अनुशासन पर्व के 32वें अध्याय के पांचवें श्लोक को देखें:- उषित्वा शर्वरी श्रीमान पंचाशन्न गरोत्त में ! समयं कौरवा ग्रयस्य संस्कार पुरूषर्षभ: ! ! अर्थात पचास रात्रि बीतने तक उस उत्तम नगर में निवास करके श्रीमान पुरूष श्रेष्ठ कुरूकुल शिरोमणि युधिष्ठर को …
Read More »आर्य समाज का पाखण्ड -3 (भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में आर्य समाज ने कई क्रान्तिकारी दिये थे !) : Yogesh Mishra
सत्यता : पूरा आर्य समाज नही बल्कि साठ लाख स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलनकारियों में आर्य समाज के कुछ इक्का दुक्का लोग जो आर्य समाज से पूर्व में कभी संबद्ध रहते थे बाद में इनकी हरकतों से उन्होंने भी छोड़ दिया था सिर्फ वही स्वतंत्रता आन्दोलन में उतरे थे ! यदि आर्य …
Read More »क्या अंतर है आंदोलन से निकले राजनीतिक दल में और राजनीतिक दल से निकले आंदोलन में !
कल मैं राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रताप चंद्र जी से मिला था ! काफी देर तक चर्चा करने के बाद जो उस चर्चा का निष्कर्ष निकला वह यह था कि राष्ट्र की व्यवस्था बदलने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर स्वस्फूर्त आंदोलन होना चाहिये ! अर्थात कहने का …
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