नन्दी जी ने मनुष्यो की दरिद्रता नाश करने के लिये महर्षि मार्कण्डेय जी से इस स्तोत्र का वर्णन किया था और कहा था कि जिनकी कुण्डली में धन भाव का सम्बन्घ क्रूर ग्रहों से है, अनेक अनुष्ठानों के बाद भी धन की परेशानी खत्म नही हो रही है तो उसे …
Read More »नन्दी जी ने मनुष्यो की दरिद्रता नाश करने के लिये महर्षि मार्कण्डेय जी से इस स्तोत्र का वर्णन किया था और कहा था कि जिनकी कुण्डली में धन भाव का सम्बन्घ क्रूर ग्रहों से है, अनेक अनुष्ठानों के बाद भी धन की परेशानी खत्म नही हो रही है तो उसे …
Read More »