भारत की आज़ादी एक धोखा है वर्ष 1992 में तीन वर्ष के अथक शोध के बाद मेरे द्वारा लिखी गई 320 पन्नों की एक पुस्तक “भारत की आज़ादी एक धोखा है” जिसे मैने पढ़ने के लिये “राजीव दीक्षित” को दिया था | इसी पुस्तक के अंशों की चर्चा अनेक व्याख्यानों …
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