राजयोग भंग होने पर हाथ आती राज सत्ता भी चली जाती है और व्यक्ति दर-दर ठोकरें खाने के लिये बाध्य हो जाता है | जैसे राजा हरिश्चन्द्र, देव राज इन्द्र, भगवान शिव, भगवान विष्णु आदि | आजकल सुब्रत सहारा, आशाराम बापू ,देवी प्रज्ञा आदि | अर्थात राजयोग भंग के ग्रहीय …
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