रक्तबीज का आधुनिक स्वरूप कोरोना वायरस : Yogesh Mishra

रक्तबीज एक ऐसा दानव था जिसे यह वरदान था की जब जब उसके लहू की बूंद इस धरती पर गिरेगी तब तब हर बूंद से एक नया रक्तबीज जन्म ले लेगा जो बल , शरीर और रूप से मुख्य रक्तबीज के समान ही होगा !

अत: जब भी इस दानव को अस्त्रों ,शस्त्रों से मारने की कोशिश की जाती , उसके लहू की बूंदों से अनेको रक्तबीज पुनः जीवित हो जाते ! रक्तबीज दैत्यराज शुम्भ और निशुम्भ का मुख्य सेनानायक था और उनकी सेना का माँ भगवती के विरुद्ध प्रतिनिधित्व कर रहा था !

शिव के तेज से प्रकट माहेश्वरी देवी , विष्णु के तेज से प्रकट वैष्णवी , बह्रमा के तेज से बह्रमाणी भगवती के साथ मिलकर दैत्यों से युद्ध कर रही थी ! जब भी कोई देवी रक्तबीज पर प्रहार करती उसकी रक्त की बूंदों से अनेको रक्तबीज पुनः जीवित हो उठते ! तब देवी चण्डिका ने काली माँ को अपने क्रोध से अवतरित किया ! माँ काली विकराल क्रोध वाली और उनका रूप ऐसा था की काल भी उन्हें देख कर डर जाये !

देवी ने से कहा की तुम इस असुर की हर बूंद का पान कर जाओ जिससे की कोई अन्य रक्तबीज उत्पन्न ना हो सके ! ऐसा सुनकर माँ काली ने रक्तबीज की गर्दन काटकर उसे खप्पर मे रख लिया ताकि रक्त की बूँद नीचे ना गिरे और उसका सारा खून पी गयी , बिना एक बूँद नीचे गिरे ! जो भी दानव रक्त से उनकी जिह्वा पर उत्पन्न होते गये उनको खाती गई ! इस तरह अंत हुआ रक्तबीज और उसके खून का !

ठीक इसी तरह कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है ! कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फ़ैल रहा है ! अब तक कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के 60 देशों में फ़ैल चुका है !

चीन में कोरोना का कहर जारी है और अब ईरान, इटली और दक्षिण कोरिया जैसे देश कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से जूझ रहे हैं ! कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अब लोग काफी सावधानी बरत रहे हैं ! ऐसे में हम आपको कोरोना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं !

क्या कोरोना संक्रमित व्यक्ति के पास आने से बीमारी लग सकती है ? अगर आप किसी ग्रॉसरी स्टोर में जाते हैं जिसके मालिक को कोरोना का संक्रमण हो चुका है ! इस स्थिति में आपको भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है ! विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का संक्रमण उसके द्वारा दिये गये पैसे रखने या आपके द्वारा दिये गये कार्ड को स्वैप करने के बाद लौटाने की वजह से भी हो सकता है !

कैसे फ़ैल सकता है कोरोना ? कोरोना के संक्रमण फैलने की चार वजह हो सकती है ! आप संक्रमित व्यक्ति के पास कितनी देर रहे ? आप उसके कितने पास गये ? क्या उस व्यक्ति के छींकने या खांसने की वजह से आपको छींटे पड़े ? आपने अपने चेहरे को कितनी बार छुआ ? आपके उम्र और स्वास्थ्य की वजह से भी कोरोना के संक्रमण का असर पड़ता है ! छींकने या खांसने से क्या होता है ? अगर कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उस प्रक्रिया में उसके मुंह या नाक से कुछ बूंदें गिरती हैं, इनसे कोरोना का संक्रमण हो सकता है !

एक प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना का वायरस इन बूंदों की मदद से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है ! क्या आप कोरोना प्रभावित व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं? आप कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर लें, यह जरूरी नहीं है, कोरोना से संक्रमण के लक्षण आम सर्दी-जुकाम की तरह ही होते हैं ! कोविड 19 की पहचान लैब में जांच के बाद ही की जा सकती है ! क्या कोरोना वायरस का संक्रमण टच स्क्रीन या बस स्टॉप पर लगे खंभे से भी फ़ैल सकता है? ऐसा हो सकता है !

हांग कांग के एक बौद्ध मंदिर में पहुंचे लोगों में एक-दूसरे व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण कुछ इसी तरह हुआ है ! इस मन्दिर से लिए गये सैंपल के अनुसार बाथरूम के नल और किताब पर ढंके कपड़े में भी कोरोना वायरस के सबूत मिले हैं ! कोरोना का वायरस कहीं भी पहुंच सकता है, जब तक इसकी राह में कोई बाधा नहीं आये ! जब हम छींकते हैं या खांसते हैं तो हमारे मुंह से कुछ बूंदें गिरती हैं ! अगर इनकी राह में कुछ नहीं आये तो ये सीधे जमीन पर पहुंच सकती हैं !

कोरोना का वायरस आपके शरीर में तभी पहुंच सकता है जब यह आपके आंख, नाक या मुंह में पहुंचे ! कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के संक्रमण की प्रमुख वजह खांसना या छींकना ही है ! किसी व्यक्ति के बहुत करीब जाकर बात करने या साथ खाना खाने से भी कोरोना का वायरस फ़ैल सकता है ! एक विशेषज्ञ ने कहा, “अगर आप किसी व्यक्ति के इतने करीब हैं कि उनके मुंह से आपको लहसुन या अदरक की खुशबू आ रही है तो किसी संक्रमित व्यक्ति से आपके शरीर में भी कोरोना का वायरस पहुंच सकता है !” विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता ने कहा, “किसी बीमार व्यक्ति से कम से कम तीन फीट की दूरी पर रहना ठीक है !”

यज्ञ चिकित्सा के जानकार कहते हैं कि कोरोना वायरस सूक्ष्म परमाणु सीधे पाचन तंत्र से होते हुये रक्त प्रवाह में पहुंचते हैं और पाचन प्रणाली को लड़खड़ा सकते हैं ! मुख द्वारा दी गई औषधि का कुछ अंश रक्त में जाकर शेष मल-मूत्र मार्ग से बाहर निकलजाता है ! इस प्रकार कुछ ही अंश इच्छित अवयवों तक पहुंचता है ! इसलिये इंजेक्शन द्वारा दी गई औषधि ज्यादा असर करती है ! लेकिन उसकी भी सीमायें हैं ! कई दवायें इन्हेलेशन थेरेपी से दी जाती हैं, यह भी जल्दी असर करती है !

इसी तरह यज्ञोपैथी में फ्यूमीगेशन द्वारा धुयें में मौजूद दवाइयां श्वास मार्ग से एवं रोमकूपों से सीधे शरीर में प्रविष्ट करती है और रोगों को ठीक कर देती हैं ! विशेष वनौषधियों, जड़ियों, समधि सामग्री एवं हवनकुण्ड के आकार आदि का निर्णय लिया जाता है !

कोरोना वायरस से बचाव के लिये अगर, तगर, जटामांसी, हाउबेर नीम पत्ती या छाल, तुलसी, गिलोय, कालमेघ, भुई आंवला, जायफल, जावित्री, आज्ञाघास, कड़वी बछ, नागरमोथा, सुगध बाला, लौंग, कपूर, कपूर तुलसी, देवदारु, शीतल चीनी, सफेद चंदन, दारुहल्दी ! उपरोक्त सब सामग्री को समान मात्रा में मिला कर हवन संविधा में उपयोग करें !

औषधीय हवन सामग्री में कपूर, गौघृत का अवश्य उपयोग करें ! गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र की आहुति दीजिये ! इससे घर में कोरोना वायरस विषाणु नष्ट होंगे ! रोग प्रतिरोधक क्षमता बढे़गी एवं विचारों में सकारात्मकता भी बढे़गी !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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