आरक्षण के कारण हो रहा है प्रतिभा पलायन : Yogesh Mishra

भारत प्रतिभा से संपन्न राष्ट्र है पूरे विश्व को इसने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और विश्व का हर राष्ट्र भारत के प्रतिभावान व्यक्तियों का, उनकी क्षमताओं का लोहा मानता है ! आज कोई राष्ट्र अगर भारत के साथ अपने संबंध मधुर बनाना चाहता है तो उसके पीछे भारत की अपनी प्रतिभा क्षमता है ! ऐसे तथ्य किसी राष्ट्र के परिपेक्ष में हो तो यह संभव ही नहीं कि वह राष्ट्र संपन्न और समृद्ध न हो !

पर भारत के संदर्भ में यह सच्चाई किस हद तक सार्थक मानी जाएगी ! आप एक ओर तो अपनी प्रतिभा का लोहा विश्व को मनवा रहे हैं वहीं दूसरी और देश की अपनी आंतरिक स्थिति सुदृढ़ नहीं है ! आप अपने विकास के लिए दूसरे देश के आगे हाथ फैला रहे हैं ! ऐसा क्यों ? प्रश्न तो बहुत हैं परंतु उत्तर सिर्फ एक है !

आरक्षण के कारण भारत में प्रतिभाओं का सम्मान नहीं है यहीं तक नहीं उनकी अगली पीढ़ी भी यही त्रासदी न झेले इसलिए प्रतिभावान व्यक्ति दूसरे देशों का रुख कर लेते हैं ! जिससे देश में नाकारा और अयोग्य लोगों की बाढ़ से आ गई है ! इसके पीछे सिर्फ कोई एक पक्ष जिम्मेदार नहीं है ! इसके पीछे इससे जुड़े बहुत से तंत्र जिम्मेदार माने जाएँगे ! जिसमें आरक्षण प्रमुख है !

आज कहीं ना कहीं हमारी सरकार भी गलत आरक्षण नीति के कारण ऐसे छात्रों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुकूल उचित संसाधन मुहैया नहीं कर पाई जिसका परिणाम प्रतिदिन भारत से प्रतिभा का पलायन होता है ! इसका परिणाम यह हो रहा है कि भारत विकास की दौड़ में पीछे होता जा रहा है और उसकी प्रतिभा संपन्न लोगों का लाभ दूसरा देश उठा रहा है इससे भारत को लगभग हर वर्ष कई अरब डॉलर का नुकसान होता जा रहा है !

कहा जाता है कि कोई भी राष्ट्र तभी सुपर पावर बन सकता है जब उसके पास अपनी वैज्ञानिक क्षमता हो ! हम वैज्ञानिक उत्पाद से लेकर अस्त्र-शस्त्र तक पर लाखों डॉलर खर्च करते हैं पर जब बात आती है वैज्ञानिक खोज एवं शोध की उस पर खर्च करते हैं पूरे सुरक्षा खर्च का मात्र चार या पाँच प्रतिशत आज इस सोच को बदलने की जरूरत है !

जरूरत है वैज्ञानिक खोज को विकसित करने कि ! हमें अपनी प्रतिभाओं को उचित अवसर उपलब्ध कराने होंगे ! शोध के लिए उचित वातावरण अवसर और स्थान उपलब्ध कराना होगा उनको प्रोत्साहित करना होगा सम्मान दे कर उचित पारिश्रमिक और बेहतर जीवन शैली देकर जिससे कि वह बाहर का रुख न करें ! अपने देश अपनी मातृभूमि पर ही रहकर उसके विकास और समृद्धि के बारे में सोचें !

अतः आरक्षण समाप्त करके हम अपने प्रतिभावान, बुद्धिजीवी और संपन्न लोग अपनी राष्ट्रीयता, अपनी देश सेवा का मान रखें ! अगर हमें सुविधाएँ कम भी मिले तो हम कम-से-कम देश की प्रगति देश के स्वावलंबन की खातिर कुछ तो त्याग कर ही सकते हैं ! शिक्षा की सार्थकता तभी मानी जाएगी जब वह अपने हित के साथ-साथ सामूहिक हित की बात करें ! वहीं दूसरी तरफ हमारी सरकार को भी इस बात का ध्यान रखना है और प्रयास करना है कि हमारे शैक्षणिक प्रतिभावान लोगों को आरक्षण समाप्त करके हर संभव सहायता मुहैया करवायी जाये

जिससे देश को विकास की राह पर अग्रणिय बनाया जा सके ! आरक्षण समाप्त करके राष्ट्र के विकास को गति देने के लिए प्रतिभाओं के पलायन को रोकना अति आवश्यक है इसके लिए उपयुक्त परिस्थितियां एवं वातावरण बनाना होगा ! राष्ट्र में बेहतर अवसर और शोध कार्य को पूरा करने के लिये आरक्षण समाप्त करना ही होगा !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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