वर्तमान मे ब्रह्माण्ड के जन्म संबधित सबसे मान्य सिद्धांत बिग बैंग सिद्धांत है ! इसके अनुसार ब्रह्मांड का जन्म एक बिंदु से हुआ था ! विज्ञान द्वारा प्राप्त सभी प्रमाण इसी सिद्धांत के समर्थन मे है ! इसके अतिरिक्त अन्य सभी अवधारणाये ऐसी परिस्थितियों या प्रक्रियायों को प्रस्तुत करती है जिन्हे कभी भी प्रमाणित या जांचा नही जा सकता है !
0 सेकंड से लेकर 10-43 तक ! यह काल विज्ञान के लिये एक रहस्य है, इस काल मे विज्ञान का कोई भी ज्ञात नियम कार्य नही करता है ! हम केवल इतना जानते है कि इस काल मे ब्रह्मांड एक बिंदु जिसे सिंगुलरीटी(singularity) कहा जाता है के रूप मे था ! इस समय समस्त ब्रह्मांड एक शून्य आयतन के बिंदु मे समाया था ! समय का जन्म भी इसी घटना मे हुआ है !
10-43 सेकंड, इस क्षण को प्लैंक काल कहा जाता है ! इस क्षण मे गुरुत्वाकर्षण जो कि चार मूलभूत बलों मे से एक है, अन्य तीन बलों से अलग हो गया !
10-36 सेकंड, इस क्षण मजबूत नाभिकिय बल अन्य तीन बलों से अलग हो गया ! यह वह बल है जो परमाणु नाभिक को बांधे रखता है !
10-36 से 10-32 सेकंड., मजबूत नाभिकिय बल के अलग होने के तुरंत पश्चात ब्रह्मांड विस्तार गति मे एक तीव्र त्वरण आया !
10-32 से 10-5 सेकंड ! इस काल मे ब्रह्मांड मे क्वार्क, एंटी क्वार्क और इलेक्ट्रान ही थे ! क्वार्क और एंटीक्वार्क एक दूसरे से टकराकर ऊर्जा मे परिवर्तित हो रहे थे ! क्वार्को की संख्या प्रतिक्वार्को की तुलना मे प्रति 1,000,000,001 क्वार्क 1,000,000,000 एंटीक्वार्क के अनुपात मे अधिक थी ! इन दोनो के टकराने के पश्चात बचे हुये क्वार्को से ब्रह्माण्ड के समस्त पदार्थ का निर्माण हुआ है !
10-12 सेकंड, अतिंम दो बल, कमजोर नाभिकिय बल तथा विद्युत चुंबकीय बल अलग हुये ! विद्युत चुंबकीय बल जो धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेशित कणो के आकर्षण को नियंत्रित करता है, रेडियोसक्रिय क्षय को नियंत्रण करने वाले कमजोर नाभिकिय बल से अलग हुआ !
10-5 सेकंड ! ब्रह्मांड का तापमान शीतल हो कर 1,000,000,000,000°K तक पहुंचा जिससे क्वार्को ने आपस मे जुड़कर प्रोटान और न्युट्रान का निर्माण प्रारंभ किया जो कि परमाणु नाभिक बनाते है !
1 सेकंड से 3 मिनट , ब्रह्माण्ड का शीतलीकरन जारी रहा और प्रोटान और न्युट्रान ने जुड़कर परमाणु नाभिको का निर्माण किया !
10-32 सेकंड से 3000 वर्ष, क्वार्क और एंटी क्वार्क के टकराव से उत्पन्न विद्युत चुंबकीय ऊर्जा गुरुत्वाकर्षण पर प्रभावी रही !
3000 वर्ष पश्चात से अब तक ! पदार्थ से उतप्न्न गुरुत्वाकर्षण बल प्रभावी हुआ ! गुरुत्वाकर्षण के फ़लस्वरूप पदार्थ के गुच्छे बनना प्रारंभ हुये, इस प्रक्रिया मे श्याम पदार्थ ने भी सहायता दी ! श्याम पदार्थ सामान्य पदार्थ से केवल गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा प्रतिक्रिया करता है लेकिन विद्युत चुंबकीय बल से कोई प्रतिक्रिया नही करता है !
200,000,000 वर्ष पश्चात, पदार्थ के संपीड़न के फलस्वरूप आकाशगंगाओं के जनम का आरंभ !
9,000,000,000 वर्ष पश्चात , सौर मंडल का जन्म !
10,000,000,000 वर्ष पश्चात ! पृथ्वी पर जीवन का आरंभ !