क्या थी ओशो की बड़ी चूक : Yogesh Mishra

ओशो एक महान चिंतक थे ! उन्होंने जीवन को कई आयामों से महसूस किया था ! वह यह चाहते थे कि मनुष्य जीवन के बोझ को न ढ़ोते हुए सीधा-सीधा आनंद को भोगते हुये मोक्ष को प्राप्ति करे !

जिस हेतु उन्होंने मोक्ष प्राप्ति की एक नई अवधारणा, संपूर्ण भोग के साथ विकसित की थी और इस अवधारणा का प्रभाव इतना अधिक था कि पूरी दुनिया से लोग ओशो के पीछे-पीछे चलने लगे थे !

ओशो ने संसार में जीव के आने के सत्य को प्रगट किया था और ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या की अवधारणा पर कुठाराघात किया था !

ओशो का यह मानना था कि मनुष्य दुख भोगने के लिए इस पृथ्वी पर नहीं आया है बल्कि ईश्वर ने मनुष्य को विशुद्ध आनंद की प्राप्ति के लिए, इस पृथ्वी पर भेजा है ! दुख तो व्यक्ति अपने गलत सोचने के तरीके से स्वत: प्राप्त कर लेता है !

ओशो का यह भी मानना था कि दुनिया के सारे धर्म, हमारे आत्मा की हत्या करते हैं ! इसलिए मनुष्य को विश्व के सभी धर्मों को त्याग कर विशुद्ध आनंद की अवस्था में जीने का अभ्यास करना चाहिये ! जिससे व्यक्ति संसार के सुख के साथ परम आनंद से मोक्ष को प्राप्त कर सकता है !

अति विद्वान, अध्ययनशील, विवेकशील, विचारशील, चिंतनशील और जीवन को व्यावहारिक दृष्टि से देखने वाले ओशो के जीवन की सबसे बड़ी चूक यह हुयी थी कि उन्होंने अमेरिका जाने का निर्णय लिया ! वह भी फर्जी कागजों पर !

उनका यह मानना था कि वहां पर भौतिकवाद से ऊबे हुए लोगों को वह शायद आसानी से परम आनंद की अनुभूति करवा सकेंगे, किंतु उनकी व्यवस्था देखने वालों से कुछ ऐसी महत्वपूर्ण गलतियां हो गई ! जिसका खामियाजा ओशो को भोगना पड़ा !

पहली बात तो यह थी कि ओशो को मेडिकल ग्राउंड पर अमेरिका ले जाने का जो वीजा झूठ बोलकर लिया गया था ! वह अपने आप में अपराध की श्रेणी में आता था ! दूसरा अमेरिका जाते ही 260 वर्ग किलोमीटर की जमीन खरीद कर उसमें एक विस्तृत आश्रम की स्थापना करने से बहुत जल्दी ही ओशो अमेरिका प्रशासन की हिट लिस्ट में आ गये !

तीसरा ओशो के आश्रम के व्यवस्थापकों में से कुछ लोग जल्दी से जल्दी बड़े आदमी बनने के लिए उन्होंने वह सभी सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ दिया था, जो जनसामान्य के विरोध का कारण बने !

ओशो का वह आश्रम बहुत जल्द नग्नता और नशे का अड्डा बन गया ! जिससे प्रशासन सतर्क होकर आश्रम में आने जाने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी रखने लगा !

ओशो के अमेरिका पहुंचने के मात्र 3 वर्ष पहले ही अमेरिका में जिम जोंस नामक एक धर्मगुरु के नेतृत्व में विश्व का सबसे बड़ा आत्महत्या कांड हुआ था ! जिसमें सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 900 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी !

जिस वजह से भी अमेरिका का शासन और प्रशासन दोनों उस समय अति सतर्क अवस्था में थे ! जब ओशो का अमेरिका आगमन हुआ और उन्होंने नये नये आश्रम की शुरुआत की थी !

ओशो के व्यवस्था कारिंदों द्वारा गलत समय पर, गलत तरीके से, गलत निर्णय लेने के कारण मानवता के कल्याण के लिए एक बहुत बड़े विचारधारा के साथ नए संप्रदाय की स्थापना का ओशो का कार्य अधूरा छूट गया !

ओशो को अमेरिका के राष्ट्रपति के निर्देश पर विधि विरुद्ध कार्यों में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें स्लो प्वाइजन देकर मार दिया गया ! विश्व के 21 देशों ने ओशो के अपने देश में आगमन पर प्रतिबंधित लगा दिया और अंततः ओशो को पुनः भारत आकर अपने पूना स्थित आश्रम में अपनी मृत्यु का इंतजार करना पड़ा !

मेरा निजी तौर पर यह मानना है कि अगर ओशो अमेरिका जाने के स्थान पर भारत के ही केंद्र को और विकसित करते और अपने दर्शन और विचारधारा से मानवता का एक बड़ा समूह खड़ा कर देते जिसमें वह पूरी तरह सफल भी थे ! तो शायद मनुष्य प्रजाति के लिए आनंद से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग एक आधुनिक धर्म के रूप में अवश्य खुल जाता !

और आज के विकृत धर्मों के अनुसार मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति के लिए किसी भी तप, दान, त्याग, विरह आदि के मार्ग को अपनाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Check Also

प्रकृति सभी समस्याओं का समाधान है : Yogesh Mishra

यदि प्रकृति को परिभाषित करना हो तो एक लाइन में कहा जा सकता है कि …