आखिर कहां गई संतों की वह ईश्वरीय और आध्यात्मिक ऊर्जा : Yogesh Mishra

आज भारत ही नहीं पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा है ! शायद ही कोई ऐसा घर परिवार हो, जिसके अंदर किसी न किसी व्यक्ति की मृत्यु न हुई हो ! ईश्वरीय ऊर्जाओं की चर्चा करने वाले कथावाचक, मठाधीश और भगवान के नाम पर धंधा करने वाले लोग सामान्य परिस्थितियों में तो बहुत बड़ी-बड़ी बात करते हैं कि भगवान की इच्छा के विरुद्ध पत्ता भी नहीं हिल सकता है ! भगवान चाहे तो मरे को जिंदा कर सकते हैं ! भगवान चाहे तो बड़े-बड़े दुष्टों और अत्याचारियों को का वध कर सकते हैं !

लेकिन आज ज्यादातर भगवान के नाम पर धंधा करने वाले कथावाचक और मठाधीश स्वयं वैक्सीनेशन करावा कर अपनी फोटो फेसबुक पर डाल रहे हैं ! आज इस विपत्ति के काल में कोई भी ईश्वरीय चमत्कार क्यों नहीं दिखला पा रहा है ! इससे सुनहरा अवसर ईश्वर के अस्तित्व को प्रमाणित करने का और अब कब मिलेगा !

भगवान के नाम पर अपने दाढ़ी और आश्रम की साइज बढ़ाने के वाले यह लोग कब सिद्ध करेंगे कि ईश्वर का भी अस्तित्व है ! आखिर वह समय कब आयेगा जब विज्ञान के शैतान को ईश्वर पराजित करेगा !

आज यह प्रश्न हर ईश्वर में आस्था रखने वाले व्यक्ति के मन में उठ रही है कि आखिर ईश्वर कहाँ है और कब चमत्कार दिखायेगा !

लाशें श्मशान में लाइन लगाकर अपने जलने का इंतजार कर रही हैं ! गंगा जैसी पवित्र नदी में पवित्र जल के स्थान पर हजारों की संख्या में सड़ी हुई लाशें बह रही हैं ! कब्रिस्तान में लाश दफनाने की जगह नहीं है ! आखिर कब उस आध्यात्मिक शक्ति के साक्षात्कार होंगे, जिनसे सभी धर्मों के धर्म ग्रंथ भरे पड़े हैं !

क्या ईश्वर बहरा और अंधा हो गया है या उसे अनुभूति होना बंद हो गई है या फिर इन धर्म ग्रंथों में वर्णित सभी चमत्कारिक घटनायें बस सिर्फ वैष्णव लेखकों की कोरी कल्पना है ! यह प्रश्न बार-बार खड़ा हो रहा है और होगा !

स्व विवेक और पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं है ! जो व्यक्ति अपने षड्यंत्रकारिर्यों के षड्यंत्र को समझ कर स्वविवेक से पुरुषार्थ द्वारा उस षड्यंत्र को विफल नहीं करेगा ! वह निश्चित ही मृत्यु को प्राप्त होगा ! कोई ईश्वर कोई भगवान तुम्हें बचाने नहीं आयेगा ! क्योंकि तुमने जो पाप किये हैं, उनसे तुम्हारे अन्दर प्रार्थना की शक्ति भी कमजोर हो गयी है !

आज तुम जो भोग रहे हो वह तुम्हारे अपने ही कर्मों का कर्म फल है ! ईश्वर मनुष्य को बचाता है ! नर पिशाचों को नहीं ! रही कथावाचकों और मठाधीशों की बात तो उनमें अब वह साधना का स्तर ही नहीं है कि वह अपनी बात ईश्वर के समक्ष रख सकें ! वह भी भोगी विलासी हो गये हैं !

वर्तमान समय में जो भी कुछ हो रहा है, वह सृष्टि क्रम के सफाई की प्रक्रिया है ! शनि स्वराशि में गोचर कर रहा है ! यह स्थिति सदैव जीवो के साथ न्याय की होती है ! जिस व्यक्ति ने जितने अत्याचार किये हैं, वह उतनी दर्दनाक मौत मरेगा ! यह उसी के कर्मों का फल है, उसे कोई भी कथावाचक या मठाधीश नहीं बचा सकता है !

स्वयं में सुधार करो, ईश्वर में आस्था रखो, देव आराधना करो, ईश्वर तुम्हारी जरूर मदद करेंगे ! लेकिन अब हम ऐसा नहीं करना चाहते हैं ! हमने तो पूजा पाठ के लिये भी नौकर रख छोड़े हैं ! इसीलिये ईश्वर ने भी अब आपकी बात सुनना बंद कर दिया है ! जब आपमें आस्था जागृत होगी, आप का समर्पण होगा, ईश्वर आप की तभी सुनेगा लेकिन वह सुनता है ! यह सत्य है ! ऐसे चमत्कार मैंने अपने जीवन में अनुभव किये हैं ! इसलिये मैं इसे पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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