धर्म राष्ट्र रक्षा के लिए हिंदू संत कब आगे आएंगे ? Yogesh Mishra

धर्म पर राजनीति का इतना प्रभाव पड़ा कि अयोध्या में रामलला त्रिपाल में बैठ गए ! हिंदू धर्म संस्थाओं व मंदिरों की संपत्ति को हड़पने के लिए नए-नए कानूनी प्रयोग किए जाने की तैयारियां शुरू हो गई है ! हिंदुओं के विरुद्ध “धर्म परिवर्तन” का अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है ! “लव जिहाद” के नाम पर हिंदू बेटियों को बरगला फुसलाकर दूसरे धर्म के लोग ले जा रहे हैं ! गौ माता व उनकी संतानें (बैल) सरेआम लाइसेंस प्राप्त करके भारत की भूमि पर ही कटे जा रहे हैं ! पूरे भारत में “गोचर की जमीनों” को प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में “भू माफियाओं” द्वारा कब्जा कर लिया गया है !

यज्ञ और कथाओं के आयोजन के लिए प्रशासन की पूर्व अनुमति आवश्यक कर दी गई ! धार्मिक ज्ञान “धर्म निरपेक्षता” के नाम पर शिक्षा से दूर कर दिया गया है ! प्रशासनिक सेवाओं के प्रतियोगी परीक्षाओं में “विदेशी सभ्यता, संस्कृति और दर्शन” को अनिवार्य कर दिया गया है ! पाठ्य पुस्तकों में भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों को “आतंकवादी” घोषित कर दिया गया है ! और अब तो एक नया प्रयोग किया जा रहा है कि राष्ट्र रक्षा व धर्म रक्षा के लिए जो भी व्यक्ति आवाज उठाएगा उसे “हिंदू आतंकवादी” घोषित कर दिया जाएगा !

हिंदू समाज व हिंदू ग्रहस्थ अपने तरीके से हिंदू धर्म की रक्षा व राष्ट्र रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है ! सरेआम हिंदुओं का कत्ल किया जा रहा है और सत्ता में बैठे हुए लोग हर कत्ल पर एक जांच शुरू करवा कर अपना कर्तव्य निर्वाहन कर रहे हैं ! अपने धर्म की रक्षा के लिए जो लोग आंदोलन करते हैं उनके आय के स्रोतों की जांच करवाई जा रही है ! और जब कुछ नहीं मिलता तो धर्मगुरुओं को हत्यारा या बलात्कारी कहकर सरेआम अपमानित करते हुए जेलों में बंद कर दिया जा रहा है !

अब प्रश्न यह है के हिंदू समाज में नौजवान व ग्रहस्थ अपनी यह लड़ाई व्यक्तिगत स्तर पर जान-माल को दांव पर लगाकर लड़ रहा है, जिसके आगे परिवार की भी एक बड़ी जिम्मेदारी है किंतु 12 लाख भगवाधारी जो विभिन्न मठों-मंदिरों और आश्रमों में मुखिया बनकर बैठे हैं ! जिनके आधीन 2 करोड़ से अधिक पुजारी, पुरोहित, पंडित, नागा सभी आते हैं ! वह कब “राष्ट्र रक्षा धर्म रक्षा” के लिए एकमत होकर हिंदू धर्म के ऊपर होने वाले बहुआयामी आक्रमणों का जवाब देंगे ! गृहस्थों से “धर्म रक्षा निधि राष्ट्र रक्षा निधि” के नाम पर वर्ष में अनेकों बार धन लेने वाले भी इस कार्य के लिए संतो को प्रेरित करने का कष्ट नहीं उठा रहे हैं !

आज संत बड़े-बड़े पंडालों में कथावाचन व मंदिरों में दान संग्रह के अतिरिक्त और किसी भी कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं ! कुछ संतों को छोड़कर ज्यादातर तथाकथित संत अपने आश्रमों और मंदिरों का व्यवसायिक प्रभाव बढ़ाने में लगे हुए हैं ! जिससे उनके आश्रम वा मंदिर के आय के स्रोत और अधिक विकसित हो सकें ! आश्रम और मंदिरों के अंदर तरह-तरह का भव्य निर्माण हो सके, जिससे जनता प्रभावित होकर उन्हें और अधिक धन दान में दें ! किंतु क्या हिंदू धर्म की रक्षा किये बिना यह सब अधिक दिनों तक चल पाएगा !

प्रायः संतो से यह भी कहते सुना जाता है कि हम तो सन्यासी हैं हमारे तो कोई संतान है नहीं, न ही कोई परिवार है ! हमारे न रहने के बाद यह अथाह संपत्ति हमारे अगले संत को ही प्राप्त होगी ! यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और आगे पीढ़ियों तक चलती रहेगी ! आने वाले काल में अभी हिंदू धर्म खत्म नहीं होने वाला है ! अतः अगले साल 200 साल तक हमारे आश्रमों और मंदिरों की प्रतिष्ठा बनी रहेगी ! किंतु वह यह भूल जाते हैं कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका, तिब्बत, वर्मा, बांग्लादेश आदि अनेक स्थल जो कभी भारत के आर्यावर्त क्षेत्र में आते थे और आज से 3000 साल पहले संपूर्ण विश्व में बस सिर्फ एक मात्र हिंदू धर्म ही था वह आज ईसाई और मुसलमान धर्म के द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया है !

इसी तरह वह दिन दूर नहीं जब हिंदुस्तान के छोटे-छोटे टुकड़े करके हिन्दुओं का पलायन कर हिंदू धर्म को हिंदुस्तान में ही समाप्त कर दिया जाएगा जैसा आज कशमीर में हुआ ! आज जो स्थान पर “ईसाई या मुसलमान बहुसंख्यक” हैं वहां पर हिंदू मंदिरों में घंटे की ध्वनि और हिंदू संस्कारों पर प्रतिबंध लगाया जाता है !

अब मेरा प्रश्न बस सिर्फ एक है कि सब कुछ स्पष्ट देखते हुए भी हिंदू धर्म के रक्षार्थ यह संत समाज कब एक साथ खड़ा होगा यदि हिंदुओं के रक्षार्थ पूरे विश्व का हिंदू संत समाज एक साथ खड़ा हो जाए तो यह निश्चित जानिए कि आज भी हिंदू विरोधी कोई भी धर्म बहुत लंबे समय तक हिंदुओं के विरुद्ध नहीं टिक सकगा ! बाकि रणनीति का विषय है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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