आज भारत के अंदर 30 करोड़ लोग फेसबुक, व्हाट्सएप आदि सोशल मिडिया से जुड़े हुए हैं ! जो दुर्भाग्यवश अपने को परम ज्ञानी समझते हैं !
लेकिन इसके बाद भी वह लोग सुबह से शाम तक आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं ! किसी के पास खाने को सम्मानजनक तरीके से रोटी नहीं है, तो किसी के पास पहनने को कपड़े नहीं हैं !
फिर भी आदमी हजारों रुपये का स्मार्टफोन लेकर उसमें सैकड़ों रुपये खर्च करके इंटरनेट का डाटा डलवा कर लोगों को रातों दिन ज्ञान देता रहता है !
खुद के बच्चे नहीं हो रहे हैं, लेकिन इंटरनेट पर वह लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए तरह-तरह की औषधि प्रयोग करने का सुझाव दावे के साथ देता है !
खुद बेरोजगार हैं, लेकिन लोगों को करोड़पति-अरबपति बनने की युक्ति बतलाते रहते हैं !
ऐसा क्यों है ? यह बहुत गंभीर विचार का प्रश्न है !
इसका जवाब यह है कि अधिकांश व्यक्ति अल्प ज्ञान के कारण हीन भावना से ग्रसित है और वह यह चाहता है कि उसी अल्प ज्ञान में ही समाज उसको ज्ञानी मानकर सम्मानित करें !
जबकि होना यह चाहिए ऐसे व्यक्ति को अपने ज्ञान के स्तर में विकास करना चाहिए ! न कि अल्प ज्ञान जिससे वह स्वयं भ्रमित है और अन्य लोगों को भ्रमित कर रहा है !
और दूसरा कारण यह है कि व्यक्ति दूसरों को ठगने के लिये भी इस तरह के असामाजिक प्रयोग करता रहता है ! क्योंकि इस तरह के प्रयोगों से होने वाली क्षति के लिए अभी तक किसी को जिम्मेदार ठहराने की कोई व्यवस्था कानून में नहीं है !
इसीलिए अपना आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, व्यक्तिगत लाभ उठाने के लिए लोग सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं ! जिससे समाज में बड़े स्तर पर भ्रम व्याप्त हो रहा है !
अब तो देखने में यह भी आता है कि भगवान की दुहाई देने वाले सत्य और धर्म पर प्रवचन करने वाले कथावाचक भी सुबह से शाम तक अपनी दुकान चलाने के लिए भगवान के नाम पर सोशल मीडिया पर झूठ ही फैलाते रहते हैं !
सोशल मीडिया के किसी खामी का लाभ उठाते हुए अनेकों राजनीतिक दल आईटी सेल की स्थापना करके अपने राजनीतिक लाभ के लिए समाज को गलत सूचनाएं दे रहे हैं !
अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि सोशल मीडिया से भ्रम फैलाने वालों पर यथाशीघ्र सख्त कार्यवाही किए जाने हेतु कानून बनाए जाने चाहिए जिससे समाज भ्रमित होकर गलत ज्ञान को प्राप्त कर स्वयं की या अन्य किसी व्यक्ति की क्षति न कर सकें !!