शैव नगरी काशी की विश्व प्रसिद्ध होली : Yogesh Mishra

आपने वैष्णव नगरी बरसाने की होली तो सुनी होगी आइये हम आपको शैव नगरी बनारस की होली के बारे में बतलाते हैं !

बनारस में होली की शुरूआत रंग भरी एकादशी से होती है ! ऐसी मान्यता है कि रंग भरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के साथ गौना करा कर काशी लौटते हैं ! उनके काशी लौटने पर तीन लोकों के लोग उनका स्वागत करते हैं ! इस दिन बाबा विश्वनाथ के साथ काशी के लोग रंग-गुलाल खेलते हैं ! काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ शहर की गली-गली में मौजूद मंदिर रंग-गुलाल से नहा उठते हैं !

दुनिया का एकलौता महाश्मशान मणिकर्ण‍िका घाट जहाँ एक तरफ चितायें जलती तो दूसरी तरफ चिताओं के भस्म से होली खेली जाती है ! इसमें साधु औेर भक्त दोनों ही शामिल होते हैं ! देखने वालों के लिये तो यह सब कुछ अजीब-सा नजारा है पर ढोल, मजीरे से लेकर डमरुओं पर झूमते लोग चिताओं के भस्म को चारों तरफ फेक कर होली मानते हैं और बतलाते हैं कि मृत्यु भी एक उत्सव है ! यह धार्मिक मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन बाबा भोले अपने प्र‍िय गण, भूत, प्रेत, दृश्य-अदृश्य आत्माएं और भक्तों के साथ महाश्मशान पर जलती चिताओं के बीच भस्म होली खेलते हैं ! यह भस्म कोई साधारण भस्म नहीं होती इंसान के शव जलने के बाद पैदा होने वाली भस्म होती है !

बनारस की होली अपने हुडदंग और मस्ती के लिये भी जानी जाती है ! काशी के फगुआ में भांग के बिना फाग का रंग अधूरा होता है ! इसलिए यहां खाने में विविध व्यजंनों के साथ भांग और ठंडई जरूर शामिल की जाती है ! गुझिया, मालपुआ, चिप्स, पापड़, दही बड़ा और मिठाइयों के साथ ही भांग का शरबत भी होली को आनंददायक बना देता है ! ठंडई भी यहां कई प्रकार की बनायी जाती है और उसमें कई प्रकार के ड्राई फूट्स को पीस कर मिलाया जाता है ! बेहतरीन ठंडई के साथ भांग के पकौड़े होली के अल्हड़पन को बढ़ा देते हैं !

बुढ़वा मंगल बनारस में खास तौर से मनाया जाता है ! यह त्यौहार होली के बाद आने वाले मंगलवार को मनाया जाता है ! काशीवासी इसे बुढ़वा मंगल या वृद्ध अंगारक पर्व कहते हैं ! होली युवाओं के जोश का त्यौहार है लेकिन बुढ़वा मंगल में बुजुर्ग लोगों का उत्साह भी दिखाई पड़ता है ! बनारस में बुढ़वा मंगल के अवसर पर मेला भी लगता है ! बनारस के इस पारम्परिक मेले की शुरुआत प्रमुख साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने की थी !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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