कल रात्रि में मेरे एक शिष्य का फोन आया और वह अनुरोध करने लगा कि गुरु जी कोरोना वायरस के कारण पूरे विश्व में जो महामारी का प्रकोप है ! उसकी शान्ति के लिये मैं अक्षय तृतीया से समस्त प्राणी के रक्षार्थ एक बृहद अनुष्ठान हिमाचल में करने जा रहा …
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विज्ञान की द्रष्टि में भैरव तंत्र : Yogesh Mishra
विज्ञान का अर्थ है चेतना ! भैरव का अर्थ वह अवस्था है ! जो चेतना से भी परे है और तंत्र का अर्थ विधि है ! चेतना के पार जाने की विधि ! हम मूर्छित हैं ! अचेतन हैं ! इसलिये सारी धर्म-देशना अचेतन के ऊपर उठने की; चेतन होने …
Read More »हमारे अविकसित विचार ही भारत के विकास में सबसे बड़े अवरोधक हैं ! : Yogesh Mishra
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोई भी राष्ट्र नागरिकों के समूह से बनता है और यदि नागरिकों का समूह अशिक्षित और जाहिल होता है तो उस राष्ट्र का विकास हो पाना असंभव होता है ! इसके अतिरिक्त दूसरी तरफ यदि किसी भी राष्ट्र के नागरिक अध्ययनशील, चिंतनशील, विकासवादी, …
Read More »स्वस्थ्य रहने के लिये वही खाइये जो ईश्वर को भी खिला सकते हैं ! : Yogesh Mishra
सनातन जीवन शैली में व्यक्ति भगवान को प्रसाद लगा कर ही उसी प्रसाद का भोजन करता था ! इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि व्यक्ति शुद्धता के साथ भोजन बनता था और वही खाता था जो भगवान को खिलाया जा सके ! अर्थात मांसाहार, शराब, विदेशी भोजन आदि से …
Read More »आपातकाल व्यवस्था परिवर्तन की एक बड़ी कोशिश : Yogesh Mishra
जो लोग राजनीति की समझ नहीं रखते वह आपातकाल की सौ कमियां गिना देंगे ! लेकिन आपने कभी विचार किया कि आपातकाल के 19 महीनों में देश में जो हुआ ! क्या उसकी वास्तव में आवश्यकता देश को नहीं थी ! संपूर्ण क्रांति या व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन का नारा …
Read More »भगवान श्रीराम ने शिव धनुष मात्र सीता स्वयंवर के लिये नहीं तोड़ा था ! : Yogesh Mishra
जैसा कि रामायण में नहीं बल्कि रामचरितमानस में लिखा है कि शिव भक्त राजा जनक ने सीता स्वयंवर में यह शर्त रखी थी कि जो व्यक्ति शिव धनुष पिनाक की प्रत्यंचा चढ़ा देगा ! उसी से वह सीता का विवाह करेंगे ! अतः भगवान श्री राम ने सीता से विवाह …
Read More »“राघवयादवीयम्” एक अदभुद ग्रन्थ : Yogesh Mishra
हमारा देश अप्रतिम विचित्रताओं, एक से एक महान उपलब्धियों जिन पर किसी को भी विश्वास करना इतना आसान नहीं, ऐसी अनोखी दास्तानों, खोजों, दुर्लभ सम्पदाओं, विलक्षण प्रतिभाओं और अमूल्य धरोहरों से भरा पड़ा है ! भारत अद्भुद विद्वानों का देश है ! जिन्होंने एक से एक अदभुद ग्रंथों की रचना …
Read More »चमचा और अंधभक्त में अंतर : Yogesh Mishra
प्रायः लोग अंधभक्त और चमचे को एक ही मान लेते हैं ! लेकिन यह गलत है ! दोनों में ही गुणधर्म, प्रवृत्ति, आचार-विचार और उद्देश्यों के अनुरूप बहुत अंतर होता है ! चमचा वह नायाब जीव है ! जो अपने मालिक से किसी विशेष स्वार्थ के प्रयोजन के लिये जुड़ा …
Read More »जानिए नवार्ण मंत्र की शक्ति और लाभ : Yogesh Mishra
मेरी एक शिष्य का आग्रह आया है कि मैं “नवार्ण मंत्र” की शक्ति और लाभ” के विषय में लेख प्रस्तुत करूँ ! अतः में निम्नलिखित लेख प्रस्तुत कर रहा हूं ! ऋग्वेद में आदिशक्ति का कथन है- ‘मैं ही निखिल ब्रह्माण्ड की ईश्वरी हूँ, उपासकगण को धन आदि इष्टफल देती …
Read More »रावण के द्वारा रचे गये शास्त्रों की सूची : Yogesh Mishra
अभी कुछ दिन पहले मैंने एक कमेंट डाला था कि महापंडित रावण में अपने जीवन काल में 2700 से अधिक विभिन्न तरह के विभिन्न ग्रंथों का निर्माण किया था ! जिस पर मेरे कुछ साथियों ने यह आग्रह किया कि इस संदर्भ में मैं एक विस्तृत लेख लिखूं ! अत: …
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