ध्यान की शक्ति साधक जैसे- जैसे ध्यान पथ पर आगे बढ़ते हैं उनकी संवेदनाएँ सूक्ष्म हो जाती है। इस संवेदनात्मक सूक्ष्मता के साथ ही उनमें संवेगात्मक स्थिरता- नीरवता व गहरी शान्ति भी आती है और ऐसे में उनके अनुभव भी गहरे, व्यापक, संवेदनशील व पारदर्शी होते चले जाते हैं। साधना …
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