आज पूरी दुनिया बदल रही है और इस बदलती दुनिया के साथ विश्व के सभी देशों के समाज भी बदल रहे हैं ! किन्तु भारत अपनी मान्यताओं और परंपराओं के कारण आज के प्रगतिशील विश्व से 200 वर्ष पीछे चल रहा है !
भारत के पास बहुत बड़ी युवा पूंजी है किंतु योग्य मार्गदर्शन के अभाव में यह युवा पूंजी आज देश पर बोझ बन चुकी है और भारत उस बोझ को ढो रहा है ! जो विकसशील भारत की अर्थव्यवस्था और समाज दोनों के लिए घातक है !
जिस वजह से न तो भारत का ही विकास हो पा रहा है और न ही युवाओं का विकास हो रहा है ! आज इस समस्या से निपटने के लिए सबसे अधिक आवश्यकता युवाओं के मन को समझने की है !
जब तक भारतीय समाज अपने अदृश्य मान्यताओं और परंपराओं से बाहर निकलकर भारत के युवाओं का मन नहीं समझेगा ! तब तक भारत का विकास संभव नहीं है !
इन अदृश्य मान्यताओं और परंपराओं में भटके हुए युवाओं को इस समय निष्पक्ष भविष्यदर्शी संवाद की आवश्यकता है ! जो कार्य पूर्व में धर्मगुरु किया करते थे !
किंतु आज के धर्मगुरु समाज को लूटने के कार्य में लगे हुए हैं और अपनी दुकान चलाने के लिए युवाओं से ढोलक मजीरा पिटवा रहे हैं !
ऐसी स्थिति में यह परम आवश्यक हो जाता है कि राष्ट्र के विकास के लिए युवाओं के साथ भविष्यदर्शी निष्पक्ष संवाद किया जाये !
जिस संदर्भ में सनातन ज्ञान पीठ एक विशेष प्रकल्प प्रारंभ करने जा रहा है, जो भी साथी अपने जीवन में भविष्य को लेकर चिंतित हैं, उन्हें निश्चित रूप से सनातन ज्ञान पीठ के कार्यालय में संपर्क करना चाहिए !
यह प्रकल्प हजारों युवाओं का भविष्य बदल देगा ऐसा निश्चिय ही मेरा विश्वास है !!