Tantra

नाथ परंपरा का तिब्बत से सम्बन्ध : Yogesh Mishra

तिब्बत का प्राचीन नाम त्रिविष्टप है ! तिब्बत प्राचीन काल से ही योगियों और सिद्धों का घर माना जाता रहा है ! पहले यह भारत का हिस्सा था ! 1912 में तिब्बत के 13वें धर्मगुरु दलाई लामा ने तिब्बत को भारत से अलग स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया ! राहुलजी …

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अवधूत सन्यासियों का रहस्यमय जगत : Yogesh Mishra

अवधूत ऐसा इंसान होता है, जो मन के भाग दौड़ को त्याग कर शिशु जैसी अवस्था में पहुंच गया हो ! अब उसे संसार और समाज के नियमों का कुछ भी पता नहीं होता है ! वह अपने आपको संसार से इतना अलग कर लेते हैं कि अब यदि आपको …

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कृतिम परकाया प्रवेश की तैय्यारी : Yogesh Mishra

किसी व्यक्ति की आत्मा का किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करना या करवाना ही ‘पर-काया प्रवेश’ कहलाता है ! इस संबंध में नाथ सम्प्रदाय के आदि गुरु मुनिराज ‘मछन्दरनाथ’ के विषय में कहा जाता है कि उन्हें परकाया प्रवेश की सिद्धि प्राप्त थी, सूक्ष्म शरीर से वह अपनी …

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तंत्र ही सृष्टि का आनादि और प्राचीनतम ज्ञान है : Yogesh Mishra

तंत्र को मूलत: भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को बतलायी गयी वह गुप्त विद्ध्य है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी आत्मा और बुद्धि को बंधन मुक्त कर के शरीर और मन को शुद्ध कर लेता है ! शैव तंत्र की उपयोगिता के देखते हुये इसे ब्रह्म संस्कृति वालों ने भी अपनाया …

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तांत्रिक हमले में नाड़ी की गति तेज क्यों हो जाती है : Yogesh Mishra

प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के संचालन का अपना एक निश्चित क्रम होता है ! हमारे शरीर में बहुत से ऊर्जायें प्रत्यक्ष्य और अप्रत्यक्ष्य रूप में निवास करती हैं जो शरीर संचालन के लिये विभिन्न तरह के रसायनों का निर्माण करते हैं ! यह सभी ऊर्जा और रसायन आपस में मिलजुल …

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तंत्र डरने का नहीं बल्कि जानने का विषय है : Yogesh Mishra

तंत्र-मंत्र का नाम आते ही लोगों के दिमाग में एक कंकाल, खोपड़ी, ढेर सारी जलती हुई अगरबत्तियां, आदि दिमाग में आती हैं ! लोग इसे जादू-टोना, टोटका भी कहते हैं ! और यही वजह है कि लोग इससे दूर भागते हैं ! भारत में तंत्र का इतिहास सदियों पुराना है …

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तंत्र की पंचमकार विकृत साधना ही बौद्धों के पतन का कारण है : Yogesh Mishra

प्राय: मूर्ख तांत्रिकों द्वारा पंचमकार को बिना समझे बुझे हुये उसकी बड़ी जोर शोर से पैरवी की जाती है ! जबकि पंचमकार का अर्थ है, पञ्च तत्वों को नियंत्रित करने का विज्ञान ! जिसमे पांच “म” शब्द से शुरू होने वाले अवयव आते हैं ! मांस-मदिरा-मत्स्य-मुद्रा और मैथुन ! कौलावली …

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भगवान शिव महाकाल कैसे हैं : Yogesh Mishra

तंत्र के माध्यम से ही प्राचीनकाल से घातक किस्म के मानसिक हथियार बनाए जाते थे ! जैसे पाशुपतास्त्र, नागपाश, ब्रह्मास्त्र आदि आदि ! जिसमें यंत्रों के स्थान पर मानव अंतस चेतना में रहने वाली विद्युत शक्ति का प्रयोग किया जाता था ! जिससे प्रकृति से सूक्ष्म से सूक्ष्मतम परमाणु की …

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कुंभ मारण तंत्र क्या है : Yogesh Mishra

अग्नि पुराण के अनुसार तंत्र के षट्कर्म में मारण के द्वारा बिना किसी अस्त्र-शस्त्र के शत्रु को समाप्त किया जा सकता है ! इसके लिए विपरीत प्रत्यंगिरा देवी की आराधना भी की जाती है, किंतु देवियों की आराधना व्यक्ति को अत्यंत सतर्कता के साथ करनी पड़ती है ! अतः तिब्बत …

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केवल मानसिक ऊर्जा से ही विश्व जीता जा सकता है : Yogesh Mishra

इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्रह्म तत्व और ब्रह्म ऊर्जा में व्याप्त तरंगों से हुई है ! यह संसार भी उसी ब्रह्म तत्व और ब्रह्म ऊर्जा का प्रतिबिंब है ! इससे परे इस सृष्टि में कुछ भी नहीं है ! आज जो भी समस्त ब्रह्मांड में हो रहा है वह …

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