मनुष्य को ईश्वर ने इस पृथ्वी पर अपनी स्वाभाविक अवस्था में जीवन निर्वाह के लिए भेजा था ! जिससे मनुष्य प्रकृति के रहस्य को समझते हुए अपना आंतरिक उत्थान कर सके ! लेकिन हम लोगों ने अपने सुविधाओं की तलाश के लिए एक कृत्रिम जीवन शैली अपना लिया है !
इन मानवीय सुविधाओं की खोज ने साम्राज्यवादी शक्तियों को अपने स्वार्थ के लिए उकसाया और उन्होंने अपने लाभ के लिये विज्ञान की मदद से हमारे संपूर्ण जीवन को ही कृत्रिम बना डाला है !
और उसका परिणाम यह हुआ कि अब हम यह कल्पना ही नहीं कर सकते हैं कि मनुष्य प्राकृतिक अवस्था में भी जीवन निर्वाह कर सकता है !
मनुष्य के इसी विस्मरण को पुनः स्मरण में बदलने के लिए सनातन ज्ञान पीठ ने शैव ग्राम की स्थापना का संकल्प लिया है !
जिसमें मनुष्य वर्ष के कुछ दिन या जीवन के कुछ वर्ष यहाँ रहकर यह महसूस कर सके कि मानव जीवन कृत्रिम जीने के लिए नहीं है, बल्कि ईश्वर ने हमें प्राकृतिक रूप से हर वह संसाधन उपलब्ध करवाये हैं ! जिनके द्वारा मनुष्य अपने जीवन का उत्तरोत्तर विकास करते हुए भी बिना किसी बाह्य संसाधन या बाह्य आडंबर के जीवन जी सकता है !
इसी जीवन शैली को व्यावहारिक रूप में प्रयोगात्मक बनाने के लिए सनातन ज्ञान पीठ ने एक प्रयोग प्रारंभ किया है ! जिसके लिए गत कई वर्षो से मेरे दारा लोगों को प्रवचन द्वारा मार्गदर्शन किया जा रहा है ! जिसमें विश्व के कई देशों से लोग वक्तव्य श्रंखला में जुड़ चुके हैं !
और अब व्यावहारिक रूप से यथार्थ रूप में भौतिक शैव ग्राम की स्थापना की जा रही है ! जिसमें मनुष्य प्राकृतिक अवस्था में रहते हुये अपने जीवन में स्वयं अपना चिकित्सक बन कर अपने जीवन के सभी दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों से छुटकारा पा सकता है !
यहां पर ज्योतिष, तंत्र, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा व्यक्ति की जीवनी ऊर्जा को विकसित करके उसे सभी तरह के कष्टों से छुटकारा दिलवाया जाएगा ! जिससे वह अपने संपूर्ण जीवन को आनंद के साथ जी सके !
यदि आप भी सनातन शैव ग्राम से जुड़ना चाहते हैं, तो तत्काल कार्यालय में संपर्क कीजिए और अपना पंजीकरण करवा कर इस व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं !!