मैं मात्र नारद पुराण की बात नहीं करता ! भारत के कृष्ण भक्त सूरदास ने 500 साल पहले ही बदला दिया था कि 21 वीं सदी की शुरुआत होने के साथ ही विश्व बहुत बड़ी महामारी से जुझेगा ! जिस बात की पुष्टि कालांतर में पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एवं जय गुरुदेव ने भी कि थी !
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भविष्यवक्ता एक फ्रांस नास्त्रेदमस और बुल्गारिया के बाबावेन्गा ने भी इन भविष्यवाणीयों का समर्थन किया है ! इनमें से ज्यादातर सच साबित हुईं ! इन लोगों की कई भविष्यवाणियां क्लाइमेट और नेचुरल डिजास्टर से संबंधित थीं !
सामान्यतया ज्योतिष की दृष्टि से होता यह है कि प्रत्येक 30 वर्ष में जब शनि अपनी स्वराशि मकर में प्रवेश करता है तथा जब तक वह अपनी दूसरी स्वराशि कुंभ को पार नहीं कर लेता है अर्थात 5 वर्ष तक विश्व किसी न किसी बहुत बड़ी महामारी से जूझता रहता है !
शनि के स्वराशि में प्रवेश करते ही जब शनि का पिता सूर्य भी उसी राशि में प्रवेश करता है तब पिता और पुत्र दोनों मिलकर विश्व के अहंकारी ईश्वर में विश्वास न करने वाले व्यक्तियों को दंडित करने के लिये किसी न किसी ऐसी महामारी का उदय करते हैं ! जिससे पूरा विश्व पुनः सनातन धर्म की ओर मुड़ जाता है और सनातन जीवन शैली को अपनाते हुये आत्मरक्षा करता है ! इसके अनेक उदाहरण में नीचे दे रहा हूं !
शनि के स्वराशि में आते ही सन 1814 में द फर्स्ट कॉलरा (हैजा) अस्तित्व में आई जानलेवा बीमारी सबसे पहले थाईलैंड, इंडोनेशिया और फिलीपींस को अपनी चपेट में लिया ! अकेले जावा द्वीप पर, फैलने से 100,000 लोगों की मौत हो गई !
1902 में शनि के स्वराशि में आते ही भारत में शुरू छठी कॉलेरा महामारी मध्य पूर्व, अफ्रीका और पूर्वी यूरोप व रूस तक फैली थी जिससे 8 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए थे ! हैजा विब्रियो कॉलेरा नाम के बैक्टीरिया से होता है ! जब मानव शरीर के गंदे अवशेष पानी या खाने या फिर किसी दूसरे के हाथों तक पहुंचते हैं तो बीमारी फैलती है ! इस बीमारी में दस्त और उल्टियां होती हैं जिससे मरीज शरीर का सारा पानी खो देते हैं ! साफ पानी न मिलने पर मरीज की मौत घंटों के अंदर अंदर हो सकती है ! कई सालों के शोध के बाद यह पता चला कि ये बीमारी सबसे पहले बांग्लादेश से शुरू हुई थी !
फिर 1961 शनि के स्वराशि में आते ही दूसरी खतरनाक महामारी डेंगू रही है ! हालांकि यह 1961 के दशक से फैली थी लेकिन पिछले कुछ सालों में यह संक्रमण 128 देशों तक फैल चुका था और वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम पोर्टल की मानें तो हर साल गंभीर डेंगू के 5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं !
जब बात निकली है तो क्यों नहीं इतिहास के गर्भ में जाकर देखा जाए कि हम या हमारे पूर्वज अभीतक किस-किस की महामारियों से लड़ते आए हैं ! जिनकी वजह से हजारों लाखों जानें गई हैं? इन महामारियों के बारे में जानने के लिए पहले हम 21वीं सदी की महामारियों के बारे में चर्चा करेंगे और फिर इतिहास के बारे में ! साथ ही, ये भी देखेंगे कि भारत में कौन सी महामारियां कहर बनकर आई थी !
फिर 1990 शनि के स्वराशि में आते ही आरक्षण आन्दोलन और राम जन्मभूमि आन्दोलन ने सैकड़ों लोगों की जान ली ! उसी समय अमेरिका में फिर एच1एन1 का वायरस सामने आया ! जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक महामारी घोषित करने का फैसला किया था !
अब पुनः 24 जनवरी 2020 में शनि अपने स्वराशि में प्रवेश करने जा रहा है ! उसी समय सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही बहुत संभावना है कि विश्व में फिर कोई बड़ी महामारी जन्म लेगी ! जिसमें लाखों की संख्या में लोग मरेंगे ! पूरा विश्व इससे प्रभावित होगा और व्यक्ति को मात्र आत्म संयम के अलावा इससे बचाव का अन्य कोई भी मार्ग नहीं दिखाई देगा ! यह महामारी सूर्य के स्वराशि में प्रवेश तक जारी रहेगी ! किन्तु इससे पूर्ण मुक्ति 5 वर्ष बाद शनि के स्वराशि मकर व कुम्भ त्याग कर मीन राशि में प्रवेश पर होगा !
शनि न्याय के देवता हैं ! जो व्यक्ति मिथ्या अहंकार और सांसारिक प्रभाव का जितना अधिक प्रयोग करेगा वह व्यक्ति इस रोग से उतना अधिक प्रभावित होगा ! इसलिये अपने समस्त अहंकारों को त्याग कर सनातन जीवन पद्धति को अपनाते हुये व्यक्ति को आत्म संयम के साथ जीवन यापन करना चाहिये ! यही इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय सनातन जीवन पध्यति स्वीकार करना ही होगा और पूरा विश्व उसे स्वीकारेगी !