कोरोना शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी भी देगा ! : Yogesh Mishra

कोरोना वायरस को भले ही हम अपनी आंखों से नहीं देख पा रहे हो ! लेकिन इसका डर एक राक्षक की छवि ले चुका है ! दुनिया के 176 मुल्क कोरोना रूपी राक्षस की जद में है ! हर तरफ इसी की बात हो रही है ! इस राक्षस को मात देने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (आसपास के लोगों से दूरी) और आइसोलेशन (खुद को भीड़ से अलग करना) जैसे शब्द लगातार सुनने को मिल रहा है ! लोग खुद को घर में कैद भी करने लगे हैं, क्योंकि कोरोना राक्षस को हराना है तो इसका उपाय सीधा यही है कि खुद को लोगों से अलग-थलग कर लो और हाथों को साफ करते रहो !

कोरोना अब न सिर्फ हमें शारीरिक रूप से परेशान कर रहा है, बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को विचलित करने लगा है ! एक डर जो अवचेतन में बैठ गया है उसका क्या करें ! हर तरफ कोरोना की चर्चा, खबरों में कोरोना ! संक्रमण से ज्यादा खतरनाक कहीं मेंटल हेल्थ ना हो जाए ! विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसपर चिंता जाहिर कर दिया है ! मानसिक स्वास्थ्य को लेकर डब्लूएचओ ने एक गाइड लाइन जारी की है ! विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को सलाह दी है कि ज्यादा न्यूज देखने से बचें !

क्योंकि चैनल्स और वेबसाइट आगे आने की होड़ में आकंड़ों में हेराफेरी करने से बाज नहीं आते हैं ! वो लोगों सतर्क कम डराने का काम ज्यादा करते हैं ! इसलिए न्यूज चैनल ज्यादा मत देखें ! कोरोना वायरस उन्हें और ज्यादा प्रभावित कर सकता है जो एंग्जायटी या फिर ऑब्सेसिव कंपल्शन के शिकार हैं ! उनके लिए यह वक्त बेहद ही भयानक है !

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ न्यूरो साइंसेज के मनोवैज्ञानियों ने इन खतरों को लेकर अध्ययन किया ! इस टीम के सदस्य डॉ मनोज शर्मा का कहना है कि कोरोना से लोग बच जाएंगे लेकिन इससे बड़ा खतरा मानसिक स्वास्थ्य को लेकर है ! मन में ऐसा डर पैदा होगा जिसे अनदेखा करना सही नहीं होगा !

एक वेबसाइट पर बातचीत के दौरान मनोज शर्मा का कहना है कि यह डर सबसे ज्यादा टीवी चैनल्स और इंटरनेट बढ़ा रहे हैं ! जो लोग होम आइसोलेशन में हैं ! काम बंद कर घर में हैं उनका ज्यादातर वक्त इंटरनेट पर न्यूज देखने में जा रहा है ! वो लगातार न्यूज चैनल्स देख रहे हैं ! इसकी वजह से उनके अंदर डर और बढ़ता जा रहा है !

एशियन जर्नल ऑफ साइकियाट्री में यह रिसर्च पेपर रिव्यू के बाद प्रकाशित होगा ! इसमें मेंटल हेल्थ को लेकर उपजे खतरों से निपटने के लिए कुछ सलाह भी दी गई हैं !

उनका कहना है कि जो लोग आइसोलेशन में हैं उनकी मेंटल हेल्थ की स्क्रिनिंग करनी चाहिए ! उन्हें डायग्नोस करना चाहिए कि उन्हें एंग्जायटी या ओसीडी जैसे डिसार्डर तो नहीं ! अगर वो हैं तो उनकी ठीक होने के बाद काउंसलिंग करनी चाहिए ! परिवार में उन लोगों को भी ध्यान रखना होगा कि कहीं घर का कोई सदस्य डिप्रेशन का शिकार तो नहीं है ! उन्हें ऐसी खबरों से दूर रखें ! घर में माहौल ठीक रखें !

हाल ही में सफदरजंग में एक कोरोना संक्रमित शख्स ने छत से कूद कर जान दे दी ! इसके पीछे डर वजह है जो उसके मानसिक स्थिति को लगातार खराब कर रही थी ! इसलिए देश में एक मनोवैज्ञानिकों की टीम तैयार करनी चाहिए जो सोशल डिस्टेंसिंग , आइसोलेशन से उपजा तनाव को कम करने में लोगों की मदद करें !

कई देशों ने इसपर काम भी शुरू कर दिया है ! काउंसलर तैनात किए गए हैं ! मनोविश्लेषकों की टीम को सजग कर दिया गया है !लोगों की काउंसलिंग की जा रही है ! भारत को भी इसी तरह की पहल शुरू करनी होगी ! इसके साथ ही घर में रहने वाले लोग अपने शौक पूरे करें ! गार्डनिंग करें ! ! डांस करें ! किताबें पढ़ें ! यानी जो आपको अच्छा लगें वही काम करें ! आशंकाओं और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान मत दें !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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