समाज को प्रश्न विहीन बनाने की गहरी साजिश : Yogesh Mishra

प्रश्न ही समाज की धड़कन है ! जिस समाज में प्रश्न खड़े नहीं होते हैं, वह समाज उस मरे हुए व्यक्ति की तरह है ! जिसकी धड़कन बंद हो चुकी है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये तो एक संवेदनशील और विचारशील समाज ही किसी से भी प्रश्न खड़े कर सकता है ! जब समाज में संवेदनशीलता और विचारशीलता खत्म हो जाती है, तो समाज चिंतन करना बंद कर देता है और एक चिंतन विहीन समाज कभी भी किसी से प्रश्न खड़े नहीं कर सकता है !

आज समाज की कमोबेश यही स्थिति है ! आज के समाज में कोई भी व्यक्ति सकारात्मक प्रश्न करने की स्थिति में नहीं है ! उसका कारण यह है कि लम्बे समय से समाज को एक ही तरीके से सोचने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी से बाध्य किया जाता रहा है ! उसी का परिणाम है कि आज समाज में सबसे बड़ा अपराधी वही व्यक्ति है जो सार्वजनिक हित में प्रश्न खड़े करता है !

दुनिया के सारे समाचार पत्र, पत्रिकाएं, दूरदर्शन, सोशल मीडिया आदि आदि बस सिर्फ एक ही कार्य में लगे हुए हैं कि पूरी दुनिया के सोचने के तरीके को सत्ता के अनुरूप कर दिया जाये ! यही विश्व की सभी षड्यंत्रकारी सत्ताओं का एकमात्र उद्देश्य है !

क्योंकि जब व्यक्ति के सोचने, समझने, विश्लेषण करने और प्रश्न खड़े करने की क्षमता पर नियंत्रण कर लिया जाता है, तो विश्व की सत्ताओं को अपने षड्यंत्र सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में बहुत सरलता होती है !

इसीलिए ज्ञान के जादुई पिटारे के नाम पर हमें हाथ में मोबाइल थमा दिया गया है ! लैपटॉप दे दिया गया है और बहुत ही सस्ते दामों में इंटरनेट उपलब्ध करवा दिया गया है या फिर हजारों चैनल से भरा हुआ टी.वी दे दिया गया है !

उसका परिणाम यह है कि मोबाइल, लैपटॉप या टी.वी. पर जो भी कुछ आ रहा है ! हम उसे ही देख रहें ! न तो हम अपने इतिहास के बारे में जानें और न ही उससे सबक लेकर भविष्य का चिंतन करें !

यह स्थिति एक जागृत समाज के लिए बहुत घातक है ! समाज की चिंतन विहीन स्थिति ही समाज को मृत बना देती है और मृत समाज में कभी प्रश्न खड़े नहीं होते हैं !

और जब तक किसी भी समाज में प्रश्न खड़े नहीं होते हैं, तब तक वहां सत्ता अपने मनमाने तरीके से कार्य करती है ! दुनिया के सारे आंदोलन और क्रांति तभी संभव हो सकी, जब आम जनमानस के मन मस्तिष्क में प्रश्न खड़े हुए और इन सभी प्रश्नों की बौछार जब समाज सत्ता से करने लगता है और सत्ता प्रश्नों का उत्तर नहीं देती है ! तभी समाज में वास्तविक क्रांति होती है !

जिस समाज में प्रश्न ही खड़े नहीं होते हैं ! उस समाज में कभी भी किसी बड़े परिवर्तन के लिए कोई भी आंदोलन या क्रांति नहीं हो सकती है !

इसीलिए सनातन ज्ञान पीठ ने सनातन संवाद कार्यक्रम प्रारंभ किया है ! यह नियमित चलेगा इसमें हर जिज्ञासु अपना प्रश्न खड़ा कर सकेगा और इस प्रश्न का उत्तर हजारों प्रश्न खड़े करेंगे !

इस तरह एक मृत समाज में प्रश्नों को पुन: खड़ा करने की आदत पैदा होगी और मरा हुआ समाज पुनः प्रश्नों की धड़कन के साथ जीवित हो उठेगा ! जिससे समाज में लाखों सकारात्मक परिवर्तन होंगे ! यही इस सनातन संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter